नई दिल्ली। इसे डिजिटल इंडिया की कामयाबी ही कहा जाएगा कि BharOS Operating System अर्थात् BharOS भारत सरकार द्वारा फंड किया गया प्रोजेक्ट की टेस्टिंग सफल रही. इस प्रोजेक्ट का मकसद एक ओपन-सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करना है जिसका इस्तेमाल सरकार और पब्लिक सिस्टम द्वारा किया जा सके.
इंडियन टेक्नोलॉजी सेक्टर ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. केंद्रीय कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय एजुकेशन मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को देसी ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS की टेस्टिंग की है.
मेड-इन-इंडिया ऑपरेटिंग सिस्टम को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास (IIT Madras) द्वारा विकसित किया गया है. भारत की गोपनीयता और सुरक्षा के मद्देनजर नया ऑपरेटिंग सिस्टम काफी अहम है. लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम के आने के बाद गूगल के एंड्रायड और एप्पल के iOS जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर देश की निर्भरता कम होगी.
अपकमिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का सरकारी महकमों और पब्लिक सिस्टम में इस्तेमाल किया जाएगा. इससे सरकारी डेटा को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी. मोदी सरकार एंड्रायड या आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम के भरोसे नहीं रहना चाहती है. इसलिए सरकार ने BharOS प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया है. इससे भारतीय यूजर्स को सेफ एक्सपीरिएंस देने में मदद मिलेगी. अभी तक देश में ज्यादातर स्मार्टफोन गूगल के एंड्रायड ओएस पर चलते हैं.
– एजेंसी