प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे का आज आखिरी दिन है। शुक्रवार को वो सबसे पहले व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ टेक्नोलॉजी हैंडशेक प्रोग्राम में शामिल हुए। यहां बाइडेन ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच आपसी सहयोग के मायने हर किसी के लिए अहम हैं। अपने संक्षिप्त भाषण में मोदी ने कहा- अगर टैलेंट और टेक्नोलॉजी साथ आते हैं तो इससे सुनहरा भविष्य बनता है।
इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमारा सहयोग न केवल हमारे अपने लोगों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए मायने रखता है। हमारी साझेदारी अगली सफलता या अगले डील से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों। ये जलवायु परिवर्तन से निपटने, लोगों को गरीबी से बाहर निकालने, महामारी को रोकने और हमारे नागरिकों को वास्तविक अवसर देने के बारे में है।
इस प्रोग्राम में सत्या नडेला, आनंद महिंद्रा, सुंदर पिचाई, सैम अल्टमैन, लिसा स्यू, टिम कुक, मुकेश अंबानी, विल मार्शल, थॉमस टुल, निखिल कामथ, विरेंद्र कपूर और हेमंत तनेजा इस प्रोग्राम में मौजूद थे। NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को भी इनवाइट किया गया था।इस कार्यक्रम के बाद मोदी, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस स्टेट डिपार्टमेंट के लंच में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अमेरिका मित्रता तथा भारत और अमेरिका के नागरिकों की शांति और समृद्धि की सराहना की। आगे कहा कि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की माता जी 1958 में भारत से अमेरिका आई थीं उस समय अधिकांश लोगों के पास फोन नहीं था इसलिए उन्होंने अपने हाथ से लिखकर अपने परिवारजनों को पत्र भेजती थीं उन्होंने कभी भी भारत से नाता टूटने नहीं दिया।
पीएम मोदी ने कह कि 2014 में मेरी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बाइडन भी यहां स्टेट विभाग में थे। उस समय उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को ‘क्षितिज पर एक वादा’ कहा था। इन नौ वर्षों में हमने बहुत लंबी और खूबसूरत यात्री की है। रक्षा और सामरिक क्षेत्रों में हमने आपसी सहयोग के नये आयाम जोड़े हैं। नई और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हम नए विश्वास के साथ काम कर रहे हैं।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपने संबोधन में कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में जब मैं दुनिया भर में घूमी तो मैंने भारत के वैश्विक प्रभाव को देखा। दक्षिण पूर्व एशिया में, भारत निर्मित टीकों ने जान बचाई। भारत का इतिहास और शिक्षा ने न केवल मुझ पर बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव डाला है। भारत ने दुनिया के करोड़ों लोगों को प्रेरित किया चाहे फिर वह दर्शनशास्र से हो या फिर सविनय अवज्ञा या फिर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता हो। हिंद-प्रशांत के माध्यम से, भारत एक स्वतंत्र और खुले क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद करता है।
व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के एनएससी समन्वयक जॉन किर्बी ने पीएम नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा को बेहद सफल बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज व्हाइट हाउस की बेहद सफल राजकीय यात्रा संपन्न हुई। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने वरिष्ठ अधिकारियों तथा अमेरिकी और भारतीय कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने दोहराया कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक गहरे और व्यापक हुए हैं। भारत के रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर किर्बी ने कहा कि भारत को यह खुद तय करना है कि वह रूस से तेल खरीदे या नहीं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की यह राजकीय यात्रा चीन के बारे में नहीं थी। बल्कि यह यात्रा भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों के महत्व के बारे में दोनों देशों के नागरिकों को संदेश देने के लिए थी। सच कहूं तो, भारत के सामने चीन एक बड़ी चुनौती है। लेकिन भारत अपने दम पर चीन का सामना करने का दम रखता है। किर्बी ने आगे कहा कि हां, दोनों देशों पर मंडरा रहे चीनी संकट को कल के एजेंडे में शामिल किया गया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भारत पर चीन के खिलाफ जवाबी हमले के लिए जोर डाला गया है। भारत संप्रभु और स्वतंत्र रास्ट्र है।
As the world’s oldest and largest democracies and as key security providers in the Indo-Pacific, the United States and India are a combined force for global good.
Today’s State Visit will take U.S.-India ties to the next level as we build the future we want to see. pic.twitter.com/ShGPZ3DcqP
— The White House (@WhiteHouse) June 23, 2023