भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर गुजरात के केवड़िया में स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के पास आयोजित समारोह में शामिल होते हुए जनता को संबोधित किया.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश के पहले गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल की याद में बनाया गया है और एकता दिवस भी उन्हीं की जयंती के दिन मनाया जाता है. सुबह 7:15 बजे पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने देश के 16 राज्यों की पुलिस और सशस्त्र बलों की एकता दिवस परेड की सलामी ली. अपने भाषण में पीएम मोदी ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि हमें एकता के गीतों को हमेशा याद रखना चाहिए, जो हमें बचपन से सिखाए गए हैं.
अपने भाषण में पीएम ने कहा, ”आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ़ आज दीपावली का त्योहार भी है.”
जम्मू-कश्मीर का ज़िक्र करते हुए पीएम ने कहा, ”जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की दीवार संविधान को रोक देती थी. लोगों को अधिकार से वंचित रखती थी. उसे हमेशा के लिए ज़मीन में गाड़ दिया है. भारत के इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने संविधान की शपथ ली है.”
नक्सलवाद का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बयान दिया, ”भारत ने नक्सलवाद जैसी भयानक बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंका है. आदिवासी समुदाय में सोची-समझी साजिश के तहत नक्सलवाद के बीज बोए गए. ये नक्सलवाद भारत की एकता और अखंडता के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया था.”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा, ”भारत में बढ़ते सामर्थ्य और एकता के भाव से कुछ ताकतें और कुछ विकृत विचार बहुत परेशान हैं. भारत के भीतर और बाहर भी ऐसे लोग भारत में अस्थिरता और अराजकता फैलाने में जुटे हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”वे भारत की आर्थिक ताकत को चोट पहुंचाना चाहती हैं. वे चाहते हैं कि दुनिया भर में भारत की ग़लत छवि उभरे. ये लोग भारत की सेना तक को टार्गेट करने में लगे हैं. ये लोग सेना में अलगाव करना चाहते हैं.”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ”ये लोग भारत में जात-पांत के नाम पर विभाजन करने में जुटे हैं. इनका केवल एक ही मकसद है कि भारत का समाज कमज़ोर हो. भारत की एकता कमज़ोर हो. ये कभी नहीं चाहते कि भारत विकसित हो क्योंकि कमज़ोर गरीब और विभाजित करने की राजनीति इनको सूट करती है.”
अर्बन नक्सल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”हमें अर्बन नक्सल के इस गठजोड़ को हमें पहचानना ही होगा. जंगलों में पनपा हुआ नक्सलवाद, बम बंदूक से नौजवानों को गुमराह करने वाला नक्सलवाद जैसे-जैसे ख़त्म होता गया, अर्बन नक्सल का नया मॉडल उभरता गया.”
गलत तरीके से पेश किया जा रहा है एक हैं तो सेफ हैं” का नारा
प्रधानमंत्री मोदी ने “एक हैं तो सेफ हैं” के नारे पर भी चर्चा की और बताया कि कुछ लोग इसे गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग देश की एकता को कमजोर करना चाहते हैं. इन लोगों का मकसद देश में अस्थिरता पैदा करना है. हमें इनसे सावधान रहना चाहिए और राष्ट्रीय अखंडता के महत्व को समझना चाहिए.
वन नेशन-वन इलेक्शन” की दिशा में भारत
पीएम मोदी ने अपने भाषण में “वन-नेशन, वन इलेक्शन” की परिकल्पना पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि यह विचार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेगा. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन टैक्स और वन-नेशन-वन ग्रिड जैसी नीतियों का भी उल्लेख किया जो देश के समावेशी विकास में सहायक हैं.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
प्रधानमंत्री मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रतिमा सरदार पटेल के महान योगदान को सम्मान देती है. यह पूरे देश को जोड़ने के उनके संकल्प को दर्शाती है. हमें इसी भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए और भारत को एकता के साथ नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहिए.
केवड़िया में 280 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन
पीएम मोदी ने इस मौके पर एकता नगर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने लगभग 280 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण किया. ये योजनाएं पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय समुदाय के लिए लाभकारी साबित होंगी. एकता नगर में दी जा रही इन सुविधाओं से क्षेत्र की छवि और सशक्त होगी. इन परियोजनाओं में पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं और आकर्षण शामिल हैं जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएंगे.