प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में 296 किलोमीटर लम्बे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी मौजूद रहें। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे, बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।
पीएम मोदी ने उद्घाटन के मौके पर कहा, “बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा। हम कोई भी फैसला लें, निर्णय लें, नीति बनाएं, इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास और तेज होगा। हर वो बात जिससे देश को नुकसान होता है, देश का विकास प्रभावित होता है, उसे हमें दूर रखना है।”
पीएम मोदी ने बुंदेलखंड में हर घर पानी पहुंचाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “बुंदेलखंड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए हम जल जीवन मिशन पर काम कर रहे हैं।”
क्या है एक्सप्रेसवे की अहमियत: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट को इटावा के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा और करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया गया है। इस चार लेन एक्सप्रेसवे को बाद में छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है। बुंदेलखंड में चित्रकूट जिले के भरतकूट क्षेत्र के पास गोंडा गांव में समाप्त होने से पहले छह जिलों यह एक्सप्रेसवे इटावा, औरैया, जालौन, महोबा, बांदा और हमीरपुर जिले को कवर करेगा।
एक अधिकारी ने कहा, “एक्सप्रेसवे से क्षेत्र में आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार की इस एक्सप्रेसवे परियोजना के साथ बुंदेलखंड क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। अगले चरण में सरकार बांदा और जालौन जिलों में एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक हब विकसित करने की योजना बना रही है।
-एजेंसी
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