यूरोप के इंजन कहे जाने वाले जर्मनी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दादागिरी दिखा रहे चीन को कड़ा संदेश दिया। भारत और जर्मनी के संयुक्त बयान में साफ तौर कहा है कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी बनाए जाने पर बल देते हैं। साथ ही दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान को इसका केंद्र मानते हैं।
इस बयान में जर्मनी की ओर से रूस के यूक्रेन पर हमले की कड़ी आलोचना की है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत और रूस के संयुक्त बयान में यूक्रेन युद्ध की आलोचना रूस को बड़ा संकेत है। यही नहीं, पीएम मोदी इस महीने होने जा रहे G-7 की विशेष बैठक में भी शामिल होने जा रहे हैं जिसे जर्मनी ने खासतौर से रूस को घेरने के लिए आयोजित किया है।
भारत और जर्मनी के संयुक्त बयान में दुनिया में संयुक्त राष्ट्र के नियमों के मुताबिक नियम आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के महत्व को रेखांकित किया गया है। दोनों देशों ने सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए कहा। भारत और जर्मनी ने हिंद- प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी बनाए जाने पर बल दिया। आसियान की केंद्रीयता को मान्यता दी गई। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत बेरोक-टोक व्यापार और नौवहन की स्वतंत्रता के महत्व पर भी जोर दिया गया।
भारत को जी-7 की विशेष बैठक में शामिल होने का दिया न्योता
भारत और जर्मनी ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब चीन दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक दादागिरी दिखा रहा है। चीन की सेना पीएलए न केवल लद्दाख में भारतीय इलाके पर आंखें गड़ाए हुए है, बल्कि ताइवान को लगातार बॉम्बर भेजकर डरा रही है। चीन की इस दादागिरी के बीच ही जर्मनी की नौसेना लगातार हिंद-प्रशांत महासागर में अपने अभियान तेज कर रही है। जनवरी 2022 में जर्मनी का युद्धपोत मुंबई पहुंचा था। भारतीय नौसैनिक पोत भी अगले साल जर्मनी जा रहा है।
इस संयुक्त बयान में जर्मनी ने रूस के यूक्रेन पर हमले की आलोचना की है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत के साथ संयुक्त बयान में जर्मनी की अलोचना को जगह दिया जाना रूस को एक संकेत है। जर्मनी ने तमाम ऊहापोह के बाद अब भारत को भी जी-7 की विशेष बैठक में शामिल होने का न्योता दे दिया है। इस बैठक में रूस को यूक्रेन पर घेरने के लिए आयोजित किया गया है। जर्मनी की कोशिश है कि रूस के दोस्त भारत को किसी तरह से अपने पाले में लाया जाए। यही नहीं जर्मनी भारत को रूसी हथियारों का विकल्प मुहैया कराने के लिए तैयार है।
भारत और जर्मनी का पाकिस्तान को आतंकवाद पर सख्त संदेश
पीएम मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ने हिंद-प्रशांत को सबसे गतिशील वैश्विक क्षेत्रों में से एक कहा, जहां कई संघर्ष और चुनौतियां भी हैं। पीएम मोदी और चांसलर शोल्ज ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की। इसमें आतंकवादियों का छद्म इस्तेमाल और सीमा-पार से आतंकवाद भी शामिल हैं।
पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए दोनों ही नेताओं ने सभी देशों से आतंकवादियों के पनाहगाहों और बुनियादी ढांचे को खत्म करने, आतंकवादी नेटवर्क को बाधित करने और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार वित्तपोषण को अवरुद्ध करने का आह्वान किया। पीएम मोदी और जर्मन चांसलर शोल्ज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा प्रतिबंधित समूहों सहित सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।
-एजेंसियां