पुरातत्ववेत्ता और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर बृजबासी (बीबी) लाल का निधन हो गया। अयोध्या में विवादित ढांचे के नीचे राम मंदिर की खोज उन्होंने ही की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके निधन पर विभिन्न इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं ने भी दुख प्रकट किया है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”बीबी लाल एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व थे। संस्कृति और पुरातत्व क्षेत्र में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्हें एक ऐसे महान बुद्धिजीवी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा किया। उनके निधन से आहत हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ओम शांति।”
मिला था पद्म विभूषण सम्मान
गौरतलब है कि एएसआइ के पूर्व महानिदेशक और पद्म विभूषण से सम्मानित बीबी लाल को सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या की बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे की नींव में मंदिर मौजूद होने की खोज के लिए मिली थी। इसके लिए वह हमेशा-हमेशा इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए हैं।
झांसी के रहने वाले थी बीबी लाल
मिली जानकारी के मुताबिक, वर्ष 1921 में उत्तर प्रदेश के झांसी में जन्मे ब्रज बासी लाल यानी बीबी लाल को देश के नामी इतिहासकार थे। वर्ष 2000 में बीबी लाल को पद्म भूषण से सम्मान किया गया था।।
बीबी लाल ने हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिशुपालगढ़ (उड़ीसा), पुराण किला (दिल्ली), कालीबंगन (राजस्थान) सहित कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की खदाई कर इतिहास की बहुत सारी परत दुनिया के सामने खोली हैं।
बीबी लाल के नाम पर दर्ज हैं कई शोध
प्रोफेसर बीबी लाल ने 1975-76 के बाद से रामायण से जुड़े अयोध्या, भारद्वाज आश्रम, श्रृंगवेरपुरा, नंदीग्राम और चित्रकूट जैसे स्थलों की खोदाई कर अहम तथ्य दुनिया के सामने रखे। बीबी लाल के नाम पर 150 से अधिक शोध लेख दर्ज हैं।
बीबी लाल की किताब ‘राम, उनकी ऐतिहासिकता, मंदिर और सेतु: साहित्य, पुरातत्व और अन्य विज्ञान’ को लेकर खासी बहस हुई थी। इसमें विवादित ढांचे के नीचे मंदिर होने की बात कही गई थी।
-एजेंसी