शिंजो आबे के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी

National

आबे का अंतिम संस्कार का पूरा खर्च जापान सरकार उठा रही है। इस आयोजन में शामिल होने के लिए हजारों लोग टोक्यो में जुटे हुए हैं, जिनमें विदेशी गणमान्य अतिथि और 200 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों के मेजबानी और तैयारी में जापान सरकार ने भारी भरकम धनराशि खर्च की है। अनुमान है कि इस पर 250 मिलियन येन से ज्यादा खर्च आ रहा है। इसको लेकर वहां काफी विरोध भी हुआ है। कई नेता और विपक्षी सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर नाराजगी जता रहे हैं। जापान के ज्यादातर नागरिक भी इस आयोजन से खुश नहीं है। वह सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने आबे को एक प्रिय मित्र और भारत-जापान मित्रता का बड़ा हिमायती बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री किशिदा और श्रीमती आबे से मुलाकात कर सभी भारतीयों की ओर से शोक-संवेदना जताई।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से मंगलवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और जापान की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

किशिदा वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मार्च में भारत आए थे जबकि मोदी ‘क्वाड लीडर्स समिट’ के लिए मई में जापान गए थे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी और (जापान के) प्रधानमंत्री किशिदा के बीच द्विपक्षीय बैठक भारत-जापान की विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता दिखाती है।”

मोदी के जापान पहुंचने से पहले उन्होंने कहा था, “ये बैठकें भारत-जापान संबंधों को गहरा करने की दिशा में दोनों नेताओं की प्रतिबद्धता रेखांकित करती है, खासकर वैश्विक महामारी के बाद की क्षेत्रीय व वैश्विक व्यवस्था को आकार देने के संदर्भ में…।”

-एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.