भगवा को दहशती रंग होने से बचाईये, भगवा लहराकर उपद्रव करने वालों के प्रतिकार को आईये
धर्मान्ध आततायियों उन्मादियों ने भगवा को बदनाम किया, जबकि हिन्दू धर्म में भगवा भगवान का रंग, देवा शरीफ दरगाह के सेवकों का वस्त्र भगवा
बीते दिनों देश के कई अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी पर जो भगवा उन्माद की झलक हम सबने देखी..जगह-जगह मस्जिदों पर भगवा फहराकर भारत की धर्मनिरपेक्षता के मुंह पर तमाचे जड़े गए. रास्ते में अगर दाढ़ी टोपी वाले फल या सब्जी विक्रेता आए तो उनके ठेले उजाड़ दिए गए.मस्जिदों पर पत्थर चलाए गए. हिंसा में चुन चुनकर समुदाय विशेष के लोगों की दुकानें जलाई गईं. उसपर भी गिरफ्तारियां भी पीड़ितों की ही हुईं. इसपर भी संतोष नही मिला तो बुलडोजर से उन्ही के आशियाने उजाड़ दिए गए. एक ऐसे भी आदमी को मुजरिम बना दिया गया जो दो दिन पहले से ही पुलिस कस्टडी में था. हर जगह उपद्रवियों ने भगवा झंडे लहराकर इन कामों को अंजाम दिया. एक आम अल्पसंख्यक अगर अपनी भाषा में इसको भगवा आतंक कह सकता है.असल में कुछ भगवाधारी उन्मादियों की इन हरकतों ने भगवा पर एक लांछन लगा दिया है.
इस देश में हमेशा से त्याग का रंग भगवा रहा है पर कुछ लोग भगवा को उन्माद का रंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं,भोग का रंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
इस देश मे भगवा रंग सभी धर्मों से संबंधित रहा है.किसी एक धर्म की बपौती नही. इस्लाम मे पीर का रंग भगवा है..
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में देवा शरीफ नाम की एक प्रसिद्द दरगाह है.. इस दरगाह के सेवक हमेशा भगवा रंग का ही वस्त्र धारण करते हैं. प्रसिद्द अभिनेता दिलीप कुमार इसी परंपरा से संबंध रखते हैं..सिख धर्म में ‘निशान साहिब’ की पृष्ठभूमि भगवा ही रहती है, जबकि उस पर अंकित चिन्ह गहरे नीले रंग का रहता है….भगवा बौद्ध धर्म से भी संबंधित है, खासकर की वज्रयान शाखा से.
इस देश मे आत्मत्याग का रंग भगवा रहा है..पर आज कुछ लोगों ने सत्ता प्राप्ति का रंग भगवा बनाकर भगवा को कलंकित कर दिया है.चंद उन्मादी भगवा को सिर्फ धारण कर सकते हैं, भगवा को आत्मसात कभी नही कर सकते…हिंदू धर्म मे भगवा यानी भगवान का रंग… बजरंग दल के शैतानों का रंग भगवा नही है…और ना इनको इतनी समझ है.भगवा लहराकर हिंसा करने वालों के विरुद्ध तो हर धर्म के लोगों को आगे आना चाहिए और इसके विरुद्ध आवाज उठानी ही चाहिए.
कुछ भगवाधारियों ने भगवा लहराकर जो हिंसा की है एक दिन उसके घाव भर जायेंगे… झूठे आरोपों में फंसाए गए अल्पसंख्यक समुदाय के युवा भी एक दिन बाइज्जत बरी होकर आ जायेंगे. जिनके आशियाने बुलडोजर से रौंदे गए शायद वो अपने आशियाने भी फिर से खड़े कर लेंगे..पर इन सबके बीच मुझे डर है कि कहीं भगवा लहराकर इतना उन्माद न फैला दिया जाए कि लोग तिरंगे के भगवा रंग से भी डरने लगें.इसीलिए जिंदगी में पहली बार मैं किसी रंग के अस्तित्व को लेकर चिंतित हूं..पता नही भगवा के भाग्य में क्या लिखा है.. अगर हो सके तो बचा लीजिए अपने तिरंगे में शामिल तीन रंगों में से एक रंग की आबरू लुटने से..आपका एहसान होगा इस मुल्क पर।
-up18 News
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