कानपुर हिंसा में SIT और ATS की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी समेत चारों आरोपियों ने दोबारा पुलिस रिमांड में कई राज उगले हैं। कानपुर में बहुत बड़ी हिंसा की साजिश थी, लेकिन पुलिस ने उनके मनसूबों को नकाम कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में बैठा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का सदस्य कानपुर हिंसा का मास्टर माइंड हयात जफर को ऑपरेट कर रहा था। वहीं पुलिस ने हयात की संस्था और सदस्यों के अकाउंट से जुड़े दस्तावेजों को जब्त कर लिए है।
बेकनगंज थाना क्षेत्र स्थित यतीमखाना, नई सड़क में बीते शुक्रवार तीन जून को हिंसा भड़क गई थी। कानपुर हिंसा को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम चले थे। पुलिस ने मास्टर माइंड हयात जफर और उसके साथी जावेद अहमद खान, मो. सूफियान और मो. राहिल को जेल भेजा था। कानपुर हिंसा में 57 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने हयात जफर समेत चार आरोपियों को दो दिनों की रिमांड में लेकर पूछताछ की है। इसमें कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं।
दिल्ली से हो रहा था ऑपरेट
सूत्रों के मुताबिक एसआईटी की पूछताछ में कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर ने बताया कि वह दिल्ली में बैठे पीएफआई सदस्य के संपर्क में था। जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर ने जुमे के दिन तीन जून को बाजार बंदी का ऐलान किया था लेकिन वीआईपी मूवमेंट के कारण हयात ने बीते दो जून को बंदी वापस ले ली थी। पीएफआई सदस्य इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था। वो लगातार हयात जफर को भीड़ इकट्ठा करने के निर्देश दे रहा था। इसकी वजह से हयात कोई निर्णय नहीं ले पाया, और हिंसा भड़क गई।
खुद को बताया बेगुनाह
कानपुर हिंसा के मास्टर माइंड हयात जफर से की गई पूछताछ की डिटेल एडीजी एटीएस नवीन अरोड़ा को दे दी गई है। वहीं जावेद अहमद खान, मो. राहिल, मो. सूफियान का कहना है कि हमें हयात ने जैसा कह रहा था, हम सभी उसे फॉलो कर रहे थे। अब शासन के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही हयात जफर हासमी खुद को बेगुनाह और देश विरोधी नहीं होने की बात कहता रहा।
दस्तावेज जब्त किए गए
एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष और कानपुर हिंसा के मास्टर मांइड हयात जफर हासमी की संस्था में खाड़ी देशों से फंडिग होती थी। हयात का कहना है संस्था के नाम आने वाले पैसों का इस्तेमाल धार्मिक स्थलों को बनवाने, धर्म को बढ़ाने, गरीबों की मदद और बच्चों की पढ़ाई में किया जाता था। फिलहाल संस्था के सदस्यों और बैंक अकाउंट से संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है।
-एजेंसियां
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