शिवसेना सांसद संजय राउत को पीएमएलए कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा है। जिसके मुताबिक अब वह 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत (जेल) में रहेंगे। इसके अलावा अदालत ने आज फिर उनसे पूछा कि आपको किसी प्रकार की दिक्कत या तकलीफ तो नहीं है। जिस पर उन्होंने न में जवाब दिया।
राउत ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने के साथ-साथ अदालत ने उन्हें दवाई और घर का खाना देने की भी इजाजत दी है। दरअसल, अदालत में उनके वकील ने उनके स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेजों दस्तावेज सौंपे थे जिसमें यह बताया गया था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसी के मद्देनजर अदालत ने उन्हें यह सहूलियत दी है।
घर का खाना मिलेगा
अदालत ने संजय राउत को अगले आदेश तक घर का खाना खाने और दवाई दी जाने की इजाजत दी है। इसके अलावा अदालत ने आर्थर रोड जेल के सुपरिंटेंडेंट को राउत के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के लिए भी कहा है ताकि उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए व्यवस्था की जा सके।
क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
आपको बता दें कि शिवसेना सांसद संजय राउत इसी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में गिरफ्तार किए गए हैं। इस घोटाले की शुरुआत साल 2007 से हुई थी। तब यह आरोप लगा था कि म्हाडा के साथ गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया गया। शुरुआत में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडेवलपमेंट का कार्य गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया था।
इस मामले में 1034 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। यह कंपनी प्रवीन राउत की है। जो शिवसेना सांसद संजय राउत के करीबी मित्र हैं। इस कंपनी पर चॉल के लोगों के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। यहां पत्र में 3000 से ज्यादा फ्लैट बनाए जाने थे। जिसमें से 672 साल के चॉल निवासियों को मिलने थे। लेकिन जमीन प्राइवेट बिल्डरों को बेच दी गई।
-एजेंसी