पटना हाईकोर्ट ने शहर के ऐतिहासिक सुल्तान पैलेस को ढहाने के बिहार सरकार के निर्णय पर रोक लगाते हुए उसे नोटिस जारी किया है. अदालत ने सरकार से 8 सप्ताह के भीतर जवाब देने का आदेश दिया है.
राज्य सरकार के इस फ़ैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका की ऑनलाइन सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश दिया.
आज से ठीक 100 साल पहले 1922 में सर सुल्तान अहमद द्वारा बनाई गई यह इमारत तोड़कर राज्य सरकार ने एक फ़ाइव स्टार होटल बनाने का निर्णय लिया है. पटना के वीरचंद पटेल स्थित इस इमारत को परिवहन भवन के रूप में भी जाता है.
हाईकोर्ट के ताज़ा फै़सले से पुरानी धरोहरों का संरक्षण चाहने वालों को बड़ी राहत मिली है. ये लोग प्रशासन से सुल्तान पैलेस को तोड़ने वाला फै़सला वापस लेने की मांग कर रहे थे.
इनकी मांग थी कि तोड़ने के बजाय इसकी मरम्मत करा कर इसका इस्तेमाल किया जाए. यह जनहित याचिका अमरजीत नाम के युवा वकील ने दाखि़ल की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में वकीलों की टीम के एक सदस्य ने बताया, “बिहार सरकार के अमरजीत वर्सेज़ यूनियन ऑफ़ इंडिया नाम की यह जनहित याचिका कुछ हफ़्ते पहले दायर की गई थी.”
उन्होंने बताया, “हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने सुल्तान पैलेस के प्रस्तावित विध्वंस पर रोक लगा दी है. अदालत ने बिहार सरकार से पूछा है कि उसने 100 साल पुरानी हेरिटेज बिल्डिंग तोड़ने की योजना क्यों बनाई. अदालत ने सरकार से 8 हफ़्ते के भीतर जवाब देने को कहा है.”
-एजेंसी
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