इजरायल और भारत, पाकिस्तान के दो दुश्मन और अगर सब कुछ ठीक रहा तो फिर दुश्मनों के साथ पाकिस्तानी इतिहास जुड़ जाएगा। जी हां, पिछले दिनों अमेरिका के वॉशिंगटन में जिस पाकिस्तानी दूतावास की बिल्डिंग को बेचे जाने की खबरें आई थीं, उसे खरीदने की रेस में में इजरायल और भारत के ग्रुप्स सबसे आगे चल रहे हैं।
पाकिस्तान के अखबार द डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल्डिंग की सबसे ज्यादा बोली इजरायल के एक ग्रुप ने लगाई है और उसके बाद भारत का नंबर है। वहीं दिलचस्प बात है कि पाकिस्तान का रियल एस्टेट ग्रुप तीसरे नंबर पर है।
किसने लगाई कितनी बोली
इजरायल के ग्रुप ने पाकिस्तानी दूतावास के लिए 68 लाख डॉलर की बोली लगाई है। वहीं भारत के ग्रुप की तरफ से 50 लाख डॉलर की बोली लगाई गई है। बात करें अगर पाकिस्तानी ग्रुप की जो चार मिलियन डॉलर की बोली के साथ वह तीसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली ग्रुप दूतावास की बिल्डिंग पर एक यहूदी स्थल बनाना चाहता है। जिस बिल्डिंग को बेचा जा रहा है कि वह कभी अमेरिका के रक्षा विभाग का ऑफिस हुआ करती थी। सन् 1950 से 2000 तक अमेरिकी रक्षा विभाग यहीं से संचालित होता था।
खाली पड़ी थी बिल्डिंग
इस बिल्डिंग का राजनयिक स्थायी दर्जा साल 2018 में खत्म हो गया था। लेकिन यह इमारत खाली पड़ी थी और ऐसे में इसके लिए पाकिस्तानी सरकार को स्थानीय कर भरना पड़ता था। माना जा रहा है कि आर्थिक संकट से जूझते पाकिस्तान ने बड़ी मुश्किल से इस दूतावास को बेचने का फैसला किया है। दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि यह इमारत वॉशिंगटन में स्थित तीन और राजनयिक संपत्तियों में एक है। इमारत वॉशिंगटन के पॉश और प्रतिष्ठित आर स्ट्रीट पर स्थित है। पाकिस्तान के एक अधिकारी की मानें तो इस परंपरा को मानना पड़ेगा क्योंकि इससे अमेरिका में हमारी साख बढ़ेगी। दूतावास का कभी रेनोवेशन नहीं किया गया है।
कैबिनेट ने दी मंजूरी
अधिकारी सलाह-मशविरे के बाद फैसला लेंगे कि इस बिल्डिंग को थोड़ी मरम्मत के बाद बेचा जाए या फिर ऐसे ही बेच दिया जाए। अधिकारियों के मुताबिक वो किसी जल्दबाजी में नहीं हैं। सौदा सिर्फ तभी होगा जब पाकिस्तान को कोई फायदा होता नजर आए।
पाकिस्तान की शहबाज सरकार के कैबिनेट की तरफ से इसे मंजूरी दे दी गई है। पाकिस्तान पर इस समय 60 ट्रिलियन रुपए का कर्ज है और यह एक नया रेकॉर्ड है।
Compiled: up18 News