पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक़-ए-इंसाफ़ के नेता फ़वाद चौधरी को उनके घर से गिरफ़्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें इस्लामाबाद स्थानांतरित करने के लिए लाहौर की कोर्ट में पेश किया गया है. न्यायिक मजिस्ट्रेट राणा मुदस्सर फवाद चौधरी की रिमांड याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. फ़वाद चौधरी पर ‘संवैधानिक संस्था के ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने की कोशिश’ का आरोप है.
तहरीक़-ए-इंसाफ़ नेता शिरीन मजारी ने फवाद चौधरी की गिरफ़्तारी को शर्मनाक बताया और कहा कि फ़वाद चौधरी को चुनाव आयोग के सचिव को ‘मुंशी’ कहने पर गिरफ़्तार किया गया था.
शिरीन मजारी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “क्या फवाद चौधरी को लॉकअप में रखने की इजाज़त है? आतंकवादी खुलेआम घूम रहे हैं लेकिन राजनीतिक विरोधियों को गिरफ़्तार किया जा रहा है.”
तहरीक़-ए-इंसाफ़ के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने भी फ़वाद चौधरी की गिरफ़्तार की निंदा की है और कहा है कि ”फवाद चौधरी की सुबह-सुबह बिना वारंट के गिरफ़्तारी इस देश के लोकतंत्र और क़ानून के शासन पर करारा तमाचा है. ? उनका क्या दोष है ?”
इस्लामाबाद पुलिस ने फवाद चौधरी की गिरफ़्तारी को लेकर अपने बयान में कहा है कि संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग की तहरीर पर पीटीआई नेता फ़वाद चौधरी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
इस्लामाबाद पुलिस प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के मुताबिक फवाद चौधरी के ख़िलाफ क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक चुनाव आयोग सचिव उमर हमीद की शिकायत पर कोहसर थाने में दर्ज किया गया है. पुलिस के मुताबिक चुनाव आयोग के सचिव ने शिकायत में कहा है कि फ़वाद चौधरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त और सदस्यों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने की धमकी दी और संवैधानिक संस्थाओं के ख़िलाफ़ हिंसा करने और लोगों की भावनाओं को भड़काने की कोशिश की.
Compiled: up18 News
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