एशियन लिटरेरी सोसाइटी ने सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में अपने चौथे एएलएस लिटफेस्ट का आयोजन किया। समारोह की शुरुआत श्री मनोज कृष्णन (संस्थापक, एशियन लिटरेरी सोसाइटी) के स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलन और मंत्रोच्चार हुआ। मुख्य अतिथि- डॉ श्रीनिवास राव (सचिव, साहित्य अकादमी), और विशिष्ट अतिथि- डॉ लक्ष्मी शंकर बाजपेयी (प्रख्यात कवि और पूर्व उप महानिदेशक, आकाशवाणी ), डॉ अमरेंद्र खटुआ (पूर्व सचिव, विदेश मंत्रालय), सुश्री मेरी बरुआ (संस्थापक, आटिज्म फॉर एक्शन), डॉ लक्ष्मीश्री बनर्जी (प्रख्यात कवि और पूर्व कुलपति) तथा तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, गोवा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, संयुक्त अरब अमीरात, दिल्ली , हरियाणा, राजस्थान, असम, बंगाल, उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और पंजाब के लेखक इस समारोह में उपस्थित थे।
चौथे एएलएस लिटफेस्ट का मुख्य आकर्षण पुस्तक और महिला पुरस्कार 2022 के विजेताओं के नामों का एलान था। विजेताओं में
सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिक्शन बुक: विजेता-एज़ आई प्रिपेयर फॉर लैंडिंग (सुश्री गुलनार रहीम खान),
सर्वश्रेष्ठ फिक्शन बुक: विनर- फ्रॉम द वम्ब ऑफ डार्कनेस: होल्डिंग द प्रोफेसी (श्री अश्विन कार्तिक एस एन),
बेस्ट फिक्शन बुक: विनर-द लीजेंड ऑफ लचित बोरफुकन (मिस्टर नीलुतपाल गोहाईं), बेस्ट नॉन-फिक्शन बुक: विनर-द प्राइसलेस पेटल्स (डॉ. रितु कामरा कुमार),
बेस्ट पोएट्री बुक: विनर-कॉकटेल ऑफ लाइफ (सुश्री अक्षय पावस्कर), बेस्ट पोएट्री बुक-विनर: सॉन्ग्स ऑफ साइलेंस (डॉ. मौली जोसेफ),
बेस्ट पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस- यस यू आर ऑडिबल (सुश्री ज्योति श्रीधर),
बेस्ट पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-ट्रेनकिल रिपल्स (डॉ. उषा श्रीधर),
बेस्ट पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-ट्रैंक्विल रिपल्स (डॉ. वेधा सुरेंद्र),
बेस्ट पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-मैरिएड ऑफ ड्रीम्स (सुश्री निशा टंडन),
बेस्ट पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस- मायिलस्टोन (सुश्री सुनीता सिंह),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: विनर-अवर टुगेदरनेस-द ऐमारैंथिन म्यूजिक ऑफ लव (सुश्री अंकुरिता खजांची),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री पुस्तक: विनर-आइलैंड इन द स्ट्रीम्स (सुश्री सोनल सिंह),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: विनर-एक अंजुरी ख़ुशबू (डॉ अपर्णा प्रधान),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ़ एक्सीलेंस-रेनिंग ड्रॉप्स ऑफ़ रेनबो वर्सेज (सुश्री इंद्राणी) चौधरी),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-यूफोनी ऑफ माई हार्ट (सुश्री मनीषा अमोल),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-गीतांजलि – अंजलि भर गीत (सुश्री अंजलि श्रीवास्तव),
बेस्ट डेब्यू पोएट्री बुक: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-हमसफर-अहसास एक मासूम (श्री अजय कुमार वर्मा), इंडियन वुमन अचीवर्स अवार्ड: विजेता-डॉ. उषा श्रीधर (साहित्य), इंडियन वुमन अचीवर्स पुरस्कार: विजेता-डॉ. रितु कामरा कुमार (साहित्य), इंडियन वुमन अचीवर्स पुरस्कार: विजेता-सुश्री निशा टंडन (साहित्य), इंडियन वुमन अचीवर्स पुरस्कार: विजेता-प्रो. डॉ. (सेवानिवृत्त) लक्ष्मीश्री बनर्जी (साहित्य), इंडियन वुमन अचीवर्स पुरस्कार: विजेता-डॉ. अपर्णा प्रधान (साहित्य), इंडियन वुमन अचीवर्स अवार्ड: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-सुश्री इशरत उमर (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार अवार्ड: विजेता-सुश्री सुनीता सिंह (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: विजेता- सुश्री वंदना भसीन (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: विजेता- सुश्री महुआ सेन (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस- सुश्री लक्ष्मी अजॉय (सामाजिक सेवा), इंडियन वुमन सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस: सुश्री इंद्राणी चौधरी (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस सुश्री स्टेफी भटेजा (कला), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: प्रमाणपत्र उत्कृष्टता- सुश्री इंद्राणी चटर्जी (साहित्य), इंडियन वुमन राइजिंग स्टार पुरस्कार: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-सुश्री प्रीति वारियर (साहित्य), और इंडियन वुमन राइजिंग स्टार अवार्ड: सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-सुश्री राम्या वी (साहित्य) शामिल थे।
चौथे एएलएस लिट फेस्ट में, एएलएस समूह संकलन तथा एएलएस के लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण हुआ । इनमें एबिंग इकोज, ट्रेल्स ऑफ होप, द पीयरलेस पर्ल्स, इकोज ऑफ साइलेंस, टी-टाइम सॉनेट्स, एज़ आई प्रिपेयर फॉर लैंडिंग, अनब्रेकेबल इमोशन्स, उन्मुक्त, नारीत्व का अस्तित्व, मैचिंग फुटस्टेप्स, मैरिएड ऑफ़ ड्रीम्स, सांग्स ऑफ़ साइलेंस और यूफोनी ऑफ़ माय हार्ट शामिल थे ।
“एबिंग इकोज़: (श्री मनोज कृष्णन द्वारा संकलित और संपादित) एशिया के स्वदेशी समुदायों के कम ज्ञात भाषाओं और कला रूपों पर लेखों का एक संकलन है । यह संकलन एशिया के सभी क्षेत्रों के स्वदेशी समुदायों की कला और साहित्य के बारे में जागरूकता फैलाने और इन समुदायों को उनकी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में मदद करने का एक ईमानदार प्रयास है।
ट्रेल्स ऑफ़ होप: एन एंथोलॉजी ऑफ़ आर्टिकल्स ऑन इफेक्टिव टीचिंग स्ट्रैटेजीज़ फॉर पीपल विद स्पेशल नीड्स (श्री मनोज कृष्णन द्वारा संकलित और संपादित) चिकित्सकों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, माता-पिता, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को साथ लाने का एक प्रयास है।
डॉ. रितु कामरा कुमार की “द पीयरलेस पर्ल्स” में ऐसी कविताएँ हैं जो जीवन के कई पहलुओं की प्रतीक हैं। मोती विभिन्न आकार और रंगों के होते हैं। इसके अलावा, वे पवित्रता का प्रतीक हैं, उनकी कविताएं मोती की तरह हैं, जो सुखदायक और विवेकपूर्ण प्रभावों के साथ शुद्ध और सहज हैं, वे एक ऐसी दुनिया का आह्वान करते हैं जो दिलचस्प, रोशन, सुंदर और जुझारू है।
सुश्री इशरत उमर की “ईकोज़ ऑफ़ साइलेंस” में प्रकृति, प्रेम और रिश्तों के बारे में कविताएँ हैं। कुछ कविताएँ जीवन के चमत्कारों, महामारियों, शोक, दया और निराशा की याद दिलाती हैं। उनकी कविताएँ मानवीय भावनाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं की संवेदनशीलता को छूती हैं।
सुश्री इशरत उमर की “टी-टाइम सॉनेट्स” उनकी दूसरी कविता संग्रह है। इस पुस्तक में, उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं, प्रकृति, वर्तमान परिस्थितियों और हमेशा बदलती दुनिया को व्यक्त करने की पूरी कोशिश की है। कविता दुनिया की छिपी सुंदरता को दर्शाती है। उनकी पुस्तक की प्रत्येक कविता में शीर्षकों के साथ विषय वस्तु का सचित्र चित्रण है। कविताएँ मानवीय भावनाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं।
ब्लू रोज़ पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित सुश्री गुलनार रहीम खान की पहली पुस्तक, “एज़ आई प्रिपेयर फॉर लैंडिंग” ‘ए बास्केट ऑफ़ स्टोरीज़ एंड ए कास्केट ऑफ़ पोएम्स’, बीस कविताओं और दस लघु कहानियों का एक संग्रह है। पुस्तक लेखिका के पति डॉ. फजलुल्ला खान को समर्पित है, जो पुस्तक के प्रेरणा श्रोत थे, जिनका 2021 के कोरोना महामारी में निधन हो गया ।
सुश्री अनीता चंद द्वारा रचित ‘उनमुक्त’ एक काव्य पुस्तक है जो मानवीय पहलुओं के साथ-साथ सामाजिक मूल्यों को भी सामने लाती है। एक कवयित्री के रूप में अनीता ने कोरोना और लॉकडाउन के कठिन समय में जो महसूस किया, उसे उनकी कविता के ताने-बाने में बुना गया है। उनकी भावनाएँ स्वयं को उनकी कलम से स्वतंत्र रूप से बहती हुई पाती हैं।
डॉ. मौली जोसेफ की कविताओं का संकलन “सॉन्ग्स ऑफ साइलेंस” हमारे भीतर की चुप्पी, कई संभावनाओं, और पानी में कोमल लहरों की तरह है जिसे सुना नहीं जा सकता है लेकिन एक दिन सुनामी का कारण बन सकता है। ये कविताएँ कोमल लोरी हैं । ये लोरी आशा और निराशा के किनारे पर मौजूद हैं, संतुलन, जीवित और अस्तित्व के बीच एक तंग रस्सी पर चलते हैं, फिर भी वे सुन्दर ताना बाना बुनते हैं जो कि आसन्न और पालौकिक दोनों हैं।
सुश्री रफिका रंगवाला द्वारा रचित “अनब्रेकेबल इमोशन्स” अंग्रेजी और हिंदी में कविता की एक द्विभाषी पुस्तक है। जिन विषयों पर चर्चा की गई है, वे प्रेम, घृणा, भय, खुशी, सौंदर्य और मानव त्वचा के रंग से संबंधित भावनाओं, आकृति, इच्छा, मौन, मातृत्व, ईमानदारी, शर्म और परमानंद जैसी विभिन्न भावनाओं पर आधारित हैं।
“द कास्टअवे” सुश्री मौसमी बरुआ की इक्यासी कविताओं का एक संग्रह है जो कवि के जीवन के परिवर्तनशील पहलुओं में समाहित है। एक कास्टअवे की तरह, कवि अपने जीवन को देखती है। उन्होंने सूर्य की लालिमा से अधिक तूफान देखे लेकिन उन्हें कोई पछतावा नहीं है। एक कास्टअवे की तरह, कवि ने जीवन के उतार-चढ़ाव को देखा। यह कविता “एब एंड फ्लो ऑफ लाइफ” में परिलक्षित होता है।
“नारीत्व का अस्तित्व” डॉ. अपर्णा प्रधान का दूसरा काव्य संकलन है। उनका मानना है कि नारी समाज का एक महतवपूर्ण अंग है, सृष्टि का आधार है। किसी भी समाज या देश की उन्नति के लिए नारी का सम्मान होना बहुत ज़रूरी है। नारी जीवन के जो पहलू मन को छू गए या उद्वेलित कर गये, उनका उद्भव कविताओं के रूप में कलम से निकलकर इस काव्य संग्रह में अभिव्यक्त हुआ है। स्त्री आधारित विषयों और उसके विभिन्न रूप, नारी का मर्म, नारी शक्ति और आधुनिक दौर की नारी पर अनेक कविताएँ इस पुस्तक की शोभा बढ़ा रही हैं।
“मैचिंग फुटस्टेप्स” दो कवियों सुश्री किरण बाबल और सुश्री अपर्णा मेनन की काव्यात्मक अभिव्यक्ति के साथ अपने दिलों को उकेरने की एक यात्रा है। अलग-अलग पीढ़ियों से होते हुए भी, दिल की जो स्याही निकलती है, वह वहीं रहती हैं … आत्मा की राह पर चलती है! मैचिंग फुटस्टेप्स विभिन्न मनोदशाओं, इच्छाओं, लालसाओं और सामानों से भरे हुए हैं जो कवि के दिल के करीब हैं।
“यूफ़ोनी ओफ़ माई हॉर्ट” एक काव्य संग्रह जिसमें मानवीय भावों को प्राथमिकता दी गयी है।कविताएँ जीवन के अलग अलग बिंदुओं पे प्रकाश डालतीं हैं जिससे पाठक जुड़ाव महसूस कर सके।कविताओं के भिन्न विषय अथवा उनमें दर्शाए तथ्यों से हर वर्ग के पाठक आनंद ले सकते हैं। चाहे वो जीवन के उतार चढ़ाव की बात हो, ग़म या ख़ुशी की सौग़ात हो, या अन्य पहलू सारी बातें अत्यंत ख़ूबसूरती से पिरोयीं गयी हैं इन कविताओं में। प्रकृति का विवरण भी कवयित्री की रचनाओं में एक महत्वपूर्ण तत्व है जिसमें अनेकों रूप समाहित हैं। सारी रचनाओं में सकारात्मकता भी झलकती है।
“मैरिएड ऑफ़ ड्रीम्स” सुश्री निशा टंडन की उनके जीवन के दौरान की यादों की एक व्यक्तिगत व्याख्या है। जब तक हम सपने देखने की हिम्मत नहीं करते, हम वह नहीं कर सकते जो हमारा दिल चाहता है। सपने, जैसा की वो कहती हैं, हमारी आत्माकी खिड़कियां हैं। “मैरिएड ऑफ ड्रीम्स” के माध्यम से उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है।
एएलएस लिटफेस्ट का संचालन मनोज कृष्णन और डॉ. बिशाखा शर्मा ने किया। कार्यक्रम का समापन लेखकों के अभिनंदन और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
चौथा एएलएस लिट फेस्ट एशियन लिटरेरी सोसाइटी का वार्षिक साहित्यिक कार्यक्रम था जहाँ साहित्य की दुनिया के कई चमकते सितारे शामिल हुए। सभी विशिष्ट अतिथियों एवं श्रोतागणों ने एशियन लिटरेरी सोसाइटी के द्वारा आयोजित इस सफल कार्यक्रम की बेहद सराहना की।
-एजेंसी