केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर जहाँ बिहार में सत्ता पक्ष के अहम दलों के बीच तल्खियां बढ़ गई हैं वहीं विपक्ष (महागठबंधन) में शामिल राजद और वामपंथी दलों के तमाम विधायकों ने आज बिहार विधान सभा से राजभवन तक मार्च किया.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सदन में भाकपा (माले) के नेता व विधायक महबूब आलम, राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा, हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव के साथ कुल 11 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की.
हालांकि कांग्रेस इस मार्च में साथ नहीं दिखी.
इससे पहले बिहार के वामपंथी छात्र व युवा संगठनों के आह्वान पर बीते 18 मार्च को बुलाए गए ‘बिहार बंद’ को भी बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया था.
नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कई लोगों की सिर्फ़ ज्वाइनिंग रह गई थी, उन्हें फिर से पूरी प्रक्रिया से गुज़रना होगा. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि चार साल बाद नौजवान क्या करेंगे? जैसा कि भाजपा के नेता कह रहे हैं कि वे उन्हें अपने दफ़्तर में चौकीदार बनाकर नौकरी पर रखेंगे, क्या यह बात सही है? हम किसी भी हालत में नौजवानों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे.’
-एजेंसियां
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