आगरा। भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ चल रहे मामले में आज स्पेशल कोर्ट, एमपी-एमएलए कोर्ट, अनुज कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई।
इस दौरान कंगना की ओर से पेश किए गए वकालतनामा और जवाब पर वादी (विपक्ष) की ओर से आपत्ति जताई गई। अदालत ने इस मामले में 21 अप्रैल 2025 को बहस सुनने की तिथि निर्धारित की है।
कंगना रनौत की ओर से स्थानीय अधिवक्ता ने लिखित बहस पेश की, लेकिन विपक्षी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि कंगना के वकालतनामा और जवाब पर दिए गए हस्ताक्षर संदिग्ध हैं। उन्होंने तर्क दिया कि नियमानुसार किसी भी प्रतिवादी (जवाब देने वाले) के द्वारा दिए गए जवाब और बहस पर हस्ताक्षर के साथ आधार कार्ड और फोटो भी जरूरी होते हैं, जो इस मामले में अनुपस्थित थे।
विपक्षी पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं में रमाशंकर शर्मा, दुर्ग विजय सिंह, रामदत्त दिवाकर, आर एस मौर्य, सुरेंद्र लाखन, राकेश नौहवार, राजेंद्र गुप्ता, धीरज, बी एस फौजदार, उमेश जोशी, नवीन वर्मा, ओपी वर्मा, और अजय सागर सहित कई अन्य वकील शामिल थे। इन अधिवक्ताओं ने कंगना के वकालतनामा और जवाब पर उठाए गए सवाल को गंभीरता से लिया और अदालत से आग्रह किया कि कंगना के दस्तावेज़ों को सही तरीके से जांचा जाए।
कंगना की ओर से पेश किए गए अधिवक्ता ने अदालत में बहस के लिए समय देने की अपील की। उनका कहना था कि वे सुनवाई के लिए उचित समय चाहते हैं ताकि वे पूरी तैयारी के साथ मामले में अपनी दलीलें पेश कर सकें। हालांकि, विपक्षी पक्ष ने कंगना के खिलाफ आरोप लगाए कि वह लगातार मामले को टालने की कोशिश कर रही हैं। उनका कहना था कि 9 महीने से कंगना इस मामले को लंबित करने के प्रयासों में जुटी हैं।
सभी पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने 21 अप्रैल 2025 को इस मामले में बहस सुनने के लिए तिथि निर्धारित की है। अब दोनों पक्ष 21 अप्रैल को अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे और इस मामले की गहन सुनवाई होगी।
21 अप्रैल को इस मामले में बहस के बाद, अदालत अपनी सुनवाई के आधार पर फैसला लेगी। यह मामला अब तक कई बार टल चुका है और अब सभी की निगाहें इस तारीख पर लगी हैं कि क्या कंगना के खिलाफ मामले में कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी या यह फिर से लंबित रहेगा।