NTA ने NEET UG की टाई ब्रेकिंग पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव

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इससे पहले उम्र के अनुसार डिसाइड होती थी रैंक

पहले टाई ब्रेकिंग की स्‍थिति में एप्लीकेशन नंबर और अधिक उम्र वाले छात्र को वरीयता दी जाती थी। पहले अपनाई जाने वाली टाई ब्रेकिंग पॉलिसी को तर्कहीन माना जाता था। यही कारण है कि एनटीए ने इस पॉलिसी में बदलाव कर दिया है। नीचे नई टाई ब्रेकिंग पॉलिसी को विस्तार से बताया गया है।

समान अंक लाने पर अब इन आधारों पर दी जाएगी रैंक

1- जब दो छात्रों को नीट यूजी में समान अंक मिलेंगे तो रैंक निर्धारित करने के लिए सबसे पहले दोनों के बायोलॉजी के मार्क्स को देखा जाएगा और उसके अनुसार ही रैंक तय की जाएगी।

2- अगर किसी स्थिति में बायोलॉजी के मार्क्स भी एक समान हो तो छात्रों के केमेस्ट्री मार्क्स के देखा जाएगा।

3- केमेस्ट्री का फॉर्मूला फेल होने के बाद फिजिक्स के मार्क्स को चेक किया जाएगा और जिस छात्र को फिजिक्स में ज्यादा मार्क्स मिलेंगे उसे ही रैंक में आगे रखा जाएगा।

4- इसके साथ ही जिस छात्र के गलत उत्तरों की गिनती कम होगी उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा।

5- जिस छात्र के बायोलॉजी में गलत उत्तर और सही उत्तर का अनुपात कम होगा, उसे टॉप रैंक दी जाएगी। उसके बाद केमेस्ट्री के गलत उत्तर का अनुपात देखा जाएगा। अगर केमेस्ट्री का भी रिजल्ट समान ही आता है तो फिजिक्स के उत्तर के अनुसार रैंक निर्धारित किया जाएगा।

Compiled: up18 News


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