अपराध और अपराधियों से लगातार लड़ रही यूपी सरकार अब महिला सुरक्षा को लेकर ज्यादा संजीदा हो रही है। इसके लिए न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है बल्कि अब महिलाओं को आत्मरक्षा में निपुण बनाने का काम शुरू है। पहले चरण में राज्य की दस हजार बालिकाओं को आत्मरक्षा का गुर सिखाया जाएगा।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संकट की स्थिति में बेटियों के बचाव में सहायक होने के साथ ही उनके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। सात दिवसीय इस कार्यशाला मॉड्यूल को कौशल विकास परिषद के खेल और स्वास्थ्य क्षेत्र ने डिजाइन किया है, यह राज्य के 75 सभी जिलों में आयोजित किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद बेटियों को आत्मरक्षा किट प्रदान की जाएगी, जिसमें उनकी सुरक्षा से सम्बंधित सामान होंगे।
उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन करेगा वहन
प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सरकार उन्हें सबल बनाएगी। सात दिवसीय इस कार्यशाला में काफी प्रभावी और व्यावहारिक बुनियादी आत्मरक्षा तकनीकों को शामिल किया जाएगा। ट्रेनिंग का खर्च उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन (यूपीएसडीएम) वहन करेगा।
यूपी कौशल विकास मिशन के निदेशक आंद्रा वामसी ने कहा, अचानक से उत्पन्न हुई किसी भी आपात स्थिति को समझ पाना मुश्किल होता है। इस कार्यक्रम से जुड़ने वाली प्रशिक्षुओं को ऐसी स्थित से निपटने के तरीके सिखाए जाएंगे। साथ ही यह कार्यक्रम प्रदेश की लड़कियों को किसी भी कठिन परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत प्रदान करने के साथ ही उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा।
राज्य के सभी थानों में महिला बीट की स्थापना
कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश की युवतियों को आपात और खतरनाक स्थितियों से निपटने के लिए एक सुरक्षा तंत्र से लैस करना है। इसके अलावा उन्हें सशक्त बनाते हुए समाज में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों जैसे- यौन हमले, अपहरण, छेड़छाड़ आदि से बचने में सक्षम बनाना है।
योगी सरकार द्वारा 17 अक्टूबर 2020 से शुरू किए गए मिशन शक्ति अभियान के तहत प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों की सुरक्षा के ²ष्टिगत सभी 1584 थानों में (जीआरपी सहित) महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। इनके माध्यम से करीब 40000 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगे और उनमें सुरक्षा की भावना विकसित हो इसके लिए राज्य के सभी थानों में महिला बीट की स्थापना की गई है।
10 वर्ष से ज्यादा की सजा दिलाने में सरकार को मिली सफलता
इससे महिलाएं एवं बेटियां अपनी समस्या खुलकर बता पाती हैं। इस अभियान के जरिए अब तक 17 महीनों में 9319 अपराधियों को सजा मिल चुकी है। आंकड़ों को देखें तो औसतन 15 अपराधियों को प्रतिदिन सजा मिली है। महिलाओं के विरुद्ध गम्भीर अपराध एवं पॉक्सो अधिनियम के अपराधों में मिशन शक्ति एवं छ: माह का अभियान चलाकर 36 अभियुक्तों को मृत्यु दंड की सजा दिलाई गई है।
साथ ही इस अभियान के तहत 1656 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वहीं 1913 अभियुक्तों को 10 वर्ष से ज्यादा की सजा दिलाने में सरकार को सफलता प्राप्त हुई है। इसके अलावा 5714 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा मिली है।
-एजेंसी