नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, “म्यूजियम का नाम चेंज करने की जरूरत नहीं है…पंडित नेहरू ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई और उसके बाद देश को बनाने में पूरा, पूरी ताकत लगाई और अपना योगदान दिया. नाम तो उनका ही होना चाहिए, लेकिन और भी प्रधानमंत्री इस देश में हुए हैं. लाल बहादुर शास्त्री, अटल जी, इंदिरा जी हों. इनका भी अपना अपना योगदान रहा. अगर आप सभी प्रधानमंत्रियों को स्थान देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है.”
उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार पंडित नेहरू के नाम से नफरत करती है और इसलिए नाम बदला जा रहा है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के कई नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं.
कांग्रेस का कहना है कि नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर मोदी सरकार ने अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ”जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं.”
”मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती!”
वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ”नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी इसका मूल नाम है लेकिन अब आप इसे बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, ”चीजों को स्वीकार करने की भावना गायब है. यह सब सारी चीजों को ख़त्म करने के बारे में है.”
Compiled: up18 News
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