उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मामले को लेकर बुधवार को महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सिविल कोर्ट सिनियर डिविजन के जज रवि दिवाकर ने मामले की सुनवाई करते हुए इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। अब इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी।
जानकारी के मुताबिक फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेंद्र पांडेय मामले की सुनवाई करेंगे। बता दें कि सिनियर डिवीजन कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें तीन मांगें रखी गई थीं। इनमें मुस्लिमों के ज्ञानवापी में प्रवेश पर रोक और ज्ञानवापी को हिंदुओं को सौंपे जाने की मांग शामिल थी।
बीते 1 महीने से ज्ञानवापी मसले पर अदालतों के आदेश और कार्रवाई पर देश की निगाहें लगी हुई हैं। श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था।
कमीशन की कार्यवाही के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वजूखाने में एक शिवलिंग मिलने का दावा किया गया। दावे से संबंधित वीडियो भी वायरल हुए। इन सब पर सुनवाई अभी जारी ही थी कि मंगलवार को विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह ने एक नई याचिका सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में डाल दी।
नई याचिका में तीन मांगें
याचिका में तीन महत्वपूर्ण बिंदु पर सुनवाई की मांग की गई। याचिका के मुताबिक पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर तत्काल रोक लगे, दूसरा हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर में पूजा का अधिकार मिले और तीसरा महत्वपूर्ण बिंदु दावे वाली जगह पर मिले शिवलिंग के तत्काल पूजन का अधिकार हिंदुओं को दिया जाए। आदि विश्वेश्वर के नाम से इसमें राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है।
श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में यही विश्व वैदिक सनातन संघ उन पांच महिला याचिकाकर्ताओं के पीछे लीगल बैकअप दे रही थी। श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन मामले में रवि कुमार दिवाकर लगातार फैसले दे रहे थे, जिसके बाद उनके आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज रवि दिवाकर से मामला जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ट्रांसफर के आदेश दे दिए थे।
-एजेंसियां