जेडीयू की विधायक बीमा भारती की ओर से मंत्री लेसी सिंह को पद से हटाए जाने की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार का पक्ष रखा है। सीएम नीतीश ने बीमा भारती को फटकार लगाने के अंदाज में कहा कि उनके परिवार में जो कुछ हुआ उसके बाद 2014 में सरकार की ओर से उन्हें पढ़ाया लिखाया गया।
सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि उन्हें मैंने अपने पास मिलने को बुलाया तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। लेसी सिंह को लेकर जो भी आरोप लगाए गए हैं, सब गलत है। इस मामले में पत्रकारों को सारी बातें मालूम ही है। लेसी सिंह पर कुछ नहीं है, यह सब फालतू बात है। लेसी सिंह कब से मंत्री हैं, तो अचानक आज यह सब बात कहां से आ गई।
सीएम नीतीश ने बीमा भारती को लेकर कहा कि पहले उन्हें प्रेम से समझाया जाएगा कि इस तरह मत बोलो, इसके बाद भी अगर नहीं समझेगी तो क्या कर सकते हैं। लोग उससे इस बारे में कह देंगे, मैं इस पर उससे (बीमा भारती) कुछ कहूं यह अच्छा नहीं होगा। मुझे आश्चर्य हो रहा है। इसके लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया। चुनाव प्रचार किया, समूचा काम किया, लेकिन आज यह जानें क्या बोल रही है। यह सब उसको नहीं बोलना चाहिए था, हमारी पार्टी में इस तरह की कोई बात नहीं है। जाने उससे कौन यह सब कहवा और बोलवा रहा है। उसको कहीं जाना है तो इधर-उधर देख ले।
सीएम नीतीश ने कहा कि सभी लोग मंत्री नहीं बन सकते। हमने बीमा भारती को मिलने बुलाया लेकिन वह मिलने नहीं आई। उन्होंने कहा कि लेसी सिंह पर लगे आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कहीं और जाने का मन है, तो वह जा सकती हैं। पहले बीमा भारती को अच्छे से समझाया जाएगा। अगर नहीं मानेंगे तो पार्टी कार्रवाई करेगी।
बीमा भारती ने मंत्री लेसी सिंह पर लगाए गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नये मंत्रिमंडल के विस्तार के एक दिन बाद ही उनकी पार्टी जेडीयू की विधायक बीमा भारती ने बुधवार को धमकी दी की अगर लेसी सिंह को कैबिनेट से नहीं हटाया गया तो वह इस्तीफा दे देंगी।
लेसी सिंह को मंगलवार को तीसरी बार मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। उन्हें बिहार कैबिनेट में खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बनाया गया है। उधर, भाकपा माले ने बुधवार को कहा कि कानून मंत्री को बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी।
पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कार्तिक सिंह को मंत्री बनाए रखने के अपने फैसले पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पुनर्विचार करना चाहिए। वर्तमान में महागठबंधन में सात दल जेडीयू राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल हैं जिनके पास 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 160 से अधिक विधायक हैं।
विपक्षी बीजेपी पहले ही कार्तिक सिंह को कैबिनेट से हटाने की मांग कर चुकी है, उसका दावा है कि उनके खिलाफ अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित है। बुधवार को जब पत्रकारों ने कार्तिक पर लगाए गए आरोपों के बारे में मुख्यमंत्री से पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी नहीं है। बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के कार्तिक सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लंबित होने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने सुशील के बारे में कहा, ‘झूठा आदमी है। यह सब गलत है।’
लेसी सिंह को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की जेडीयू विधायक बीमा भारती की मांग के बारे में चर्चा है कि कथित तौर पर कैबिनेट के लिए नहीं चुने जाने से वे नाराज हैं। सिंह को शामिल करने के कदम की आलोचना करते हुए, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘लेसी सिंह पर कई हत्याओं का आरोप है और मुझे उन सभी लोगों के नाम पता हैं जिनकी हत्या कर दी गई है। वह गवाहों को धमकाती है ताकि सजा संभव न हो। अगर वह मंत्री पद से नहीं हटायी जाती हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगी।’
-एजेंसी