मुंद्रा पोर्ट से बरामद ड्रग्‍स मामले में NIA ने दाखिल की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

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एनआईए ने कहा कि ये पाया गया कि अफगानिस्तान से भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों के माध्यम से हेरोइन की अवैध खेप की तस्करी के लिए एक संगठित आपराधिक साजिश है। जांच के अनुसार हेरोइन की बिक्री से मिलने वाला धन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रदान किया गया था।

एनआईए ने चार्ज शीट में ये कहा 

एजेंसी ने कहा कि व्हाइट क्लब (पहले प्लेबॉय के नाम से जाना जाता था), जज़्बा और आरएसवीपी सहित दिल्ली में लोकप्रिय नाइट क्लबों के मालिक हरप्रीत सिंह उर्फ कबीर तलवार, जिसे पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, वो भारत में अफगान हेरोइन की तस्करी के लिए कमर्शियल ट्रेड रूट का गलत इस्तेमाल करने के लिए दुबई गया था। एजेंसी ने कहा है कि वो तस्करी के लिए अपनी कंपनियों का उपयोग कर रहा था।

चार्ज शीट में इन लोगों के नाम

एनआईए ने सोमवार को अहमदाबाद की एक विशेष अदालत के समक्ष पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित ऑपरेटिव मोहम्मद इकबाल अवान, दुबई स्थित वित्येश कोसर उर्फ ​​राजू दुबई और तलवार सहित 22 व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ अपना आरोप पत्र दायर किया।

सितंबर 2021 में पकड़ी थी हेरोइन की खेप

एनआईए ने इस मामले में पिछले साल 14 मार्च को 16 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद 29 अगस्त 2022 को 9 नौ आरोपियों के खिलाफ पहली सप्लीमेंट्री चार्ज शीट दायक की थी। 13 सितंबर, 2021 को मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port) पर 2,988 किलोग्राम अफगान हेरोइन की खेप जब्त की गई थी।

-एजेंसी


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