हावड़ा। पश्चिम बंगाल हिंसा की जांच के लिए पटना हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी की अगुवाई में एक छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम हिंसा प्रभावित हुगली जिले का दौरा करना चाहती थी परंतु पुलिस ने उन्हें रोक दिया.
पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व में एक छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम को पुलिस ने हिंसा प्रभावित पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का दौरा करने से रोक दिया. जस्टिस रेड्डी ने कहा कि पुलिस कह रही है सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है लेकिन यहां कुछ भी नहीं है. उनका कहना है कि सरकार डरी हुई है क्योंकि उनका पर्दाफाश हो जाएगा.
दरअसल, नरसिम्हा रेड्डी की अगुवाई में छह सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का रविवार (9 अप्रैल) को हावड़ा जिले के शिबपुर का दौरा करने का कार्यक्रम था. टीम लगातार रामनवमी के दौरान इन इलाकों में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गृह सचिव बी पी गोपालिका से भी मिलने की मांग कर रही है.
टीम में कौन-कौन शामिल
फैक्ट फाइंडिंग टीम में पटना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी, क्राइम ब्रांच के आईपीएस/आईजी राजपाल सिंह, पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य और अधिवक्ता चारु वली खन्ना, अधिवक्ता और पूर्व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के संयुक्त रजिस्ट्रार (कानून) ओम प्रकाश व्यास, वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और NHRC भावना बजाज के पूर्व सलाहकार शामिल हैं.
10 अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में रहेगी टीम
दरअसल, पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसक झड़प हो गई थी. इसके बाद से इन जगहों पर धारा 144 लगाई गई है. पुलिस का कहना है कि इस हिंसा में पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं. अब तक हिंसा के सिलसिले में 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इससे पहले जब टीम को रिसड़ा जाने से रोका गया था तब उन्होंने कहा था कि वह 10 अप्रैल तक यहां रहेंगे और फिर से जाने की कोशिश करेंगे और हावड़ा और हुगली जिलों में भड़की हिंसा के पीड़ितों से मिलेंगे.
Compiled: up18 News