केंद्रीय सूचना और तकनीक मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को जानकारी दी कि नए टेलीकॉम बिल को अगले छह से दस महीने में पेश किया जाएगा। भारत के पास टेलीकॉम सेक्टर का नेतृत्व करने की काबिलियत है। बता दें कि 22 सितंबर को ही भारतीय दूरसंचार विभाग ने प्रस्तावित भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के ड्राफ्ट को पेश किया है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनकेशंस (DoT) ने इस बिल के फ्रेमवर्क पर दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से 20 अक्टूबर तक सुझाव भी मांगे हैं।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए टेलीकॉम बिल 2022 पर कहा कि नए बिल में स्पैक्ट्रम के प्रभावी इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। इसमें टेलीकॉम और इंटरनेट आधारित सेवाओं को रेग्यूलेट करने के लिए नियम और विनियम को शामिल किया गया है। आईटी मंत्री ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि टेलीकॉम सेक्टर में नए और महत्वपूर्ण परिवर्तन आएं।
उन्होंने कहा, ‘भारत के पास टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का नेतृत्व करने की पूरी काबिलियत है। स्पेक्ट्रम दूरसंचार सेवाओं का मूल रॉ मटेरियल है। यदि हमें भारत को दूरसंचार प्रौद्योगिकी में एक बहुत ही महत्वपूर्ण शक्ति बनाना है तो हमारे पास एक ऐसा ढांचा होना चाहिए जो स्पेक्ट्रम के कुशल और बहुत प्रभावी उपयोग की अनुमति दे। हम टेलीकम्युनिकेशन डेवलपमेंट फंड के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए USOF (यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड) को एक्सपेंड करने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले की साफ कर दिया है कि हम भारत में ग्लोबल स्टैंडर्ड 5जी नेटवर्क को बिल्ड करेंगे और 6जी टेक्नोलॉजी में दुनिया का नेतृत्व करेंगे।’
आईटी मंत्री ने आगे कहा कि नए टेलीकॉम बिल में यूजर्स की सुरक्षा पर फोकस किया जा रहा है। नए बिल में सर्विस प्रोवाइडर और यूजर्स दोनों ही कॉलर की पहचान कर सकेंगे। साथ ही टेलीकॉम सेक्टर और इंटरनेट आधारित सेवा देने वाले प्लेटफॉर्म को एक ही तरह से रेग्यूलेट किया जाएगा।
-एजेंसी