जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को सबसे ज्यादा 42, भाजपा ने 29 सीटें जीती हैं। कांग्रेस को 6 और CPI(M) को एक सीट मिली। सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत है। चुनाव में दो पूर्व उपमुख्यमंत्रियों और पूर्व मंत्रियों सहित कई प्रमुख उम्मीदवार और दिग्गज हार गए, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) 42 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। पीडीपी को सिर्फ तीन सीटें मिली। पहली बार आप ने भी एक सीट जीतकर खाता खोला। निर्दलीयों के खाते में 6 सीटें आईं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री होंगे, श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने यह घोषणा की। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिल की गहराइयों से मुबारकबाद पेश करूंगा… मैं उन मतदाताओं का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के उम्मीदवारों को कामयाबी दिलाई है। एक बात तय है कि भाजपा की जम्मू-कश्मीर की जो सियासत रही है जनता ने उसके खिलाफ मतदान किया है… आम तौर पर देखा जाए तो आज उनका नामों-निशान इस चुनाव में मिट गया है लेकिन बड़ी बात ये है कि कश्मीर, जम्मू के पहाड़ी इलाके, यहां वोटों का बंटवारा नहीं हुआ… अब हम जो गठबंधन के लोग हैं हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इन 5 सालों में लोगों को एक साफ-सुथरी और ऐसी हुकूमत दें जो लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरे।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर की जनता ने भाजपा को इस विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक मत प्रतिशत का आशीर्वाद दिया है और भाजपा को अब तक के इतिहास में सबसे अधिक सीटें दी हैं। इसके लिए मैं जम्मू-कश्मीर की जनता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। साथ ही BJP के सभी कार्यकर्ताओं को उनके अथक परिश्रम के लिए बधाई देता हूं। मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा जम्मू-कश्मीर के विकास और सुरक्षा के लिए संकल्पित है। जम्मू-कश्मीर को आतंकमुक्त बनाकर देश के अन्य हिस्सों की तरह इसे विकसित बनाना भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”