अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने अपने आर्टेमिस कार्यक्रम की लॉन्चिंग को साल 2026 तक के लिए टल गया है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजना है। नासा के अधिकारियों ने बताया है कि आर्टेमिस III मिशन के तहत, अपोलो कार्यक्रम के बाद पहली बार चंद्रमा पर मनुष्यों को उतारने की योजना है। इस मिशन को अब कम से कम सितंबर 2026 तक शुरू नहीं किया जा सकेगा। इससे पहले यह मिशन 2025 के लिए निर्धारित किया गया था। वहीं आर्टेमिस II को इसी साल लॉन्च किया जाना था। अब तकनीकी कारणों से इन दोनों मिशनों को टाल दिया गया है।
नासा के अधिकारियों ने बताया है कि इस मिशन को लेकर हम बहुत उत्साह में हैं। पचास से ज्यादा साल बाद आर्टेमिस मिशन के साथ इंसान को चंद्रमा पर भेजने की तैयार है लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि हमें और इंतजार करना पड़ेगा। मिशन को सुरक्षित रूप से पूरा करने के लिए आर्टेमिस II और आर्टेमिस III के शेड्यूल को समायोजित कर रहे हैं ताकि टीमों को पहली बार विकास, संचालन और एकीकरण से जुड़ी चुनौतियों के माध्यम से काम करने की अनुमति मिल सके।
नासा के अधिकारियों ने कहा कि वे चांद की सतह पर रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा पहने जाने वाले स्पेससूट की इंजीनियरिंग और दूसरे साजो सामान तैयार होने में देरी हो रही है।
50 साल बाद चांद पर जाएगा इंसान
नासा को आर्टेमिस 2 मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को 2024 के आखिर तक अंतरिक्ष में भेजा जाना था। वहीं आर्टेमिस 3 मिशन के तहत 2025 में चार अंतरिक्ष यात्री चांद पर लैंडिंग करने वाले थे। तकनीकी कारणों से नासा ने अपनी योजना को सितंबर 2025 तक के लिए टाल दिया है। अब वह इस मिशन को 2025 के बजाय 2026 में पूरा किया जाएगा।
नासा ने 50 साल पहले इंसान को पहली बार चांद पर भेजा था। एक बार फिर नासा का यही लक्ष्य था। इस मिशन के जरिए नासा का लक्ष्य है कि 2025 तक इंसानों को चांद पर फिर भेजा जाए। इस मिशन में 1972 के बाद पहली बार मनुष्यों के साथ चांद की सतह पर नासा वापसी करना चाहता है।
-एजेंसी
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