प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय जापान में जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। यहां से वह एक ऐसे देश में जाएंगे जिसका आकार भारत से लगभग सात गुना छोटा है। यहां जाना चीन के प्रभाव को कम करने का एक बेहद महत्वपूर्ण मौका होगा। ये यात्रा होगी ऑस्ट्रेलिया के करीब टापू देश पापुआ न्यू गिनी (PNG) की।
पीएम मोदी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश पापुआ न्यू गिनी जाने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 2016 में PNG की यात्रा पर गए थे। पीएम मोदी 22 मई को पापुआ न्यू गिनी में होने वाले ‘इंडिया-पैसिफ़िक आइलैंड्स को-ऑपरेशन’ सम्मेलन में शामिल होंगे। पीएम मोदी इस सम्मेलन में PNG के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ सह अध्यक्ष होंगे।
इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसमें भारत के अलावा प्रशांत महासागर के 14 द्वीपीय देश फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, मार्शल द्वीप समूह, समोआ, वानुआतु, नीयू, माइक्रोनेशिया, कुक द्वीप समूह, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप शामिल हैं। पापुआ न्यू गिनी में बढ़ रहा चीन का प्रभाव पूरे हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए सुरक्षा के लिहाज से घातक है। पीएम मोदी मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री मारापे के साथ एक द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे, जिसमें दोनों देश अपने संबंधों को और भी ज्यादा मजबूत करने की कोशिश करेंगे, जो लंबे समय से उपेक्षित रहे हैं।
चीन की PNG पर नजर
पापुआ न्यू गिनी की आबादी 1.5 करोड़ है। चीन ने अपने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत यहां निवेश किया हुआ है। PNG सोना, तांबा जैसे समृद्ध संसाधनों वाला देश है। इस पर चीन ने निगाह गड़ाई हुई है। चीन के बीच एक फ्री ट्रेड डील भी हो चुकी है जो दोनों देशों के करीबी को दिखाता है। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा इस क्षेत्र में संबंध बढ़ाने की कोशिश है।
पीएम मोदी ने इस यात्रा से पहले कहा, ‘मैं प्रशांत द्वीपीय देशों के नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन और सतत विकास, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, स्वास्थ्य कल्याण और बुनियादी ढांचों के आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर बातचीत के लिए उत्सुक हूं।’
चीन की करीबी क्वाड के लिए मुश्किल
पिछले साल नवंबर में PNG के प्रधानमंत्री मारापे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बैंकॉक में मिले थे। यहां उन्होंने मारापे से कहा था कि दोनों देश अच्छे दोस्त, अच्छे सहयोगी और अच्छे भाई हैं। इसके अलावा जिनपिंग ने मारापे को चीन आने का न्योता दिया। चीन की ओर PNG के बढ़ते झुकाव ने क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका) के लिए एक अलार्म बजा दिया है। PNG एक बेहद रणनीतिक जगह है, जो ऑस्ट्रेलिया के करीब है। अगर यहां चीन मजबूत होता है तो ऑस्ट्रेलिया के लिए खतरा बढ़ेगा और अंततः ये क्वाड के लिए खतरनाक होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लंबे समय से क्वाड देशों ने PNG को इग्नोर किया है, जिससे अंततः चीन को बढ़त मिली। चीन के प्रभाव से सबसे ज्यादा चिंतित अमेरिका है। लेकिन भारतीय पीएम की यह यात्रा चीन को जरूर टेंशन देने वाली है।
Compiled: up18 News
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