अब ओटीटी प्लेटफार्म ‘मास्क टीवी’ पर एक सीरीज ‘‘प्रोजेक्ट एंजल्स’’ प्रसारित हो रहा है,जिसमें सभी नौ किरदार नौ ट्रांसजेंडर यानी कि किन्नर ही निभा रही हैं
भारतीय समाज में किन्नरों/ ट्रांसजेंडर को कभी भी अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता. यह किन्नर सड़क पर लगे सिग्नल या ट्रेन के डिब्बों में घूम घूमकर पैसा मांगते हुए नजर आते हैं.लोग इन्हे हिकारत की नजर से दख्ेाते हैं.जबकि यह किन्नर भी आम इंसानो की तरह काम कर सकते हैं.पर उन्हें उनके अपने परिवार से भी सहयोग नहीं मिलता है.पिछले कुछ समय से किन्नरों द्वारा अच्छे काम करने की बाते सामने आ रही है.हाल ही में पश्चिम बंगाल की किन्नर जोयिता मंडल को पश्चिम बंगाल मे जज नियुक्त किया गया है.तो वहीं बॉलीवुड में बाॅबी डार्लिंग और कोलकाता मे श्री घटक फिल्मों मे अभिनय कर रही हैं.
अब ओटीटी प्लेटफार्म ‘मास्क टीवी’ पर एक सीरीज ‘‘प्रोजेक्ट एंजल्स’’ प्रसारित हो रहा है,जिसमें सभी नौ किरदार नौ ट्रांसजेंडर यानी कि किन्नर ही निभा रही हैं.इन्हीं में से एक जोया सिद्दीकी हैं,जो कि किन्नर होते हुए भी एक इंटरनेशनल ब्रांड प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट के रूप में भी काम कर रही हैं.और अब वह अभिनय जगत में भी कदम रख चुकी हैं.
प्रस्तुत है जोया सिद्दीकी से हुई बातचीत के अंश..
सवाल – अपनी अब तक की यात्रा के बारे में बताएं?
जवाब – मेरी परवरिष मुंबई में ही हुई है.मै एक मुस्लिम परिवार से हॅूं.पर मुझे घर से लेकर स्कूल व कालेज की पढ़ाई तक हर जगह तमाम मुसीबतो का सामना करना पड़ा.कालेज में एडमीषन मिलना.सड़क व अन्य जगहों पर लोगों द्वारा मेरा मजाक उड़ाया जाता.इस तरह की तमाम तकलीफों का सामना करते हुए मैं आज ‘मास्क टीवी’ पर प्रसारित हो रही वेब सीरीज ‘प्रोजेक्ट एंजिल’ में अभिनय कर रही हूं . मंबई सहित कई सहरो में मेरी तस्वीरों के साथ ‘प्रोजेक्ट एंजल्स’ के पोस्टर भी लगे हैं.मुझे गर्व हो रहा है कि आज मैं इतने बड़े प्लेटफार्म पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन कर रही हॅूं.कल तक जो लोग मुझे दुत्कारते थे,आज वही मुझे फोन करने लगे हैं.
सवाल – जिंदगी में किस तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ा?
जवाब – जब मुझे व मेरे घर वालों को पता चला कि मैं ट्रांसजेंडर यानी कि किन्नर हूं,तो मैंने खुद को उसी रूप में स्वीकार करना सीख.मगर मेरे परिवार ने मुझे स्वीकार नहीं किया.मेरा साथ नही दिया.मेेरे परिवार वालों ने मुझे घर छोड़ देने के लिए कहा.जिसके चलते मुझे सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.लेकिन मैने हार नही माना.मैं अपने आस पास देख रही थी कि किस तरह अपाहिज लोग भी जिंदगी जी रहे हैं.उनका भी अपना एक संघर्ष है.पर वह हार नहीं मान रहे हैं,तो फिर मैं क्यों हार मान लेती.मैने सोचा कि अल्लाह ने मुझे हाथ पैर दिए हें.मेरा षरीर कहीं से टूटा हुआ नही है,तो फिर मैं क्यों किसी के आगे हाथ फैलाउं.मैने निर्णय लिया कि मैं दूसरे किन्नरों की तरह सड़क पर किसी सिग्नल पर खड़े होकर हाथ नहीं फैलाउंगी.मैं घर घर जाकर ताली बजाकर पैसे नहीं मांगूंगी.बल्कि मैं आम इंसानो की ही तरह मेहनत करते हुए काम करके पैसा कमाएंगे और अपनी जिंदगी जिएंगे. मैने अपने परिवार वालों से भी कह दिया था कि जल्द ही मैं घर छोड़ दूॅंगी.पर मैं किन्नरों की तरह भीख नही मांगंूगी.बल्कि मैं अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा बनकर दिखाउंगी कि लोग मुझे हिकारत की नजर से नही देखेंगे.मुझे दुत्कारें नहीं.यदि मैं परिवार व समाज के लोगों की बातें सुनती, तो मैं कब का आत्महत्या कर चुकी होती. मैने किसी की परवाह किए बगैर अपना संघर्ष जारी रखा. मैने सोचा था कि अगर मैं कुछ अलग काम कर अपना एक मुकाम बनाउंगी, तो मुझे देखकर मेरे किन्नर समुदाय के लोगो को प्रेरणा मिलेगी और वह भी मेरी तरह कुछ नया करने की सोच सकेंगे.
इस तरह समाज के लोगों की भी किन्नरों के प्रति सोच बदलेगी और हमारा किन्नर समुदाय प्रगति करेगा.मेरी सोच सही रही है कि मुझे अपने किन्नर समुदाय के लोगो को कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए प्रेरित करना है.मुझे लगता है कि मैं इस दिशा में कुछ हद तक कामयाब हो रही हैं.
सवाल – क्या घर वालों के कहने पर आपने घर छोड़ दिया था?
जवाब – जी नहीं…मैं घर छोड़ कर कहां जाती.मैने घर नहीं छोड़ा.पर घर के अंदर हर दिन मार खाती थी.गालियां सुनती थी.क्योंकि उस वक्त मेरे पास यह सब सहन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही नहीं था.लेकिन मैं समय से पहले ही इतनी मैच्योर हो गयी थी कि मैने सोच लिया था कि मुझे अपनी जिंदगी में कुछ हटकर करना है.आज मुझे लगता है कि मैं अपने मकसद में कामयाब हूं. मैने काफी तकलीफ सहन करके पढ़ाई की.फिर नौकरी की तलाष षुरू की.आज की तारीख मे आम इंसान को तो नौकरी मिलती नही है.ऐसे मे मुझ किन्नर को कौन नौकरी देता? तो काफी ठोकर खाई.आप मानेंगे नही मुझे किराए का मकान तक कोई देने को तैयार नहीं था.सभी कहते थे कि तुम्हें देखकर हमारे व समाज के बच्चे खराब हो जाएंगे.पर लोग यह भूल जाते है कि हमारा षरीर और हमारे अहसास लड़की वाले ही हैं.ऐसे में हमें देखकर कोई बच्चा कैसे खराब हो जाएगा.
सवाल – तो फिर आपकी पढ़ाई कैसे पूरी हुई?
जवाब – मैने कोषिष की तो पता चला कि एक संस्था पढ़ाई करने के लिए स्काॅलरषिप देती है,तो मैंने उससे स्काॅलरषिप लेकर अपनी पढ़ाई पूरी की.साथ में मैने पार्ट टाइम जाॅब भी किया.मैने बहुत संघर्ष किया.मैं अपनी तकलीफों को बयां कर किसी की हमदर्दी नहीं बटोरना चाहती.आज मैं एक प्रोफेषनल मेकअप आर्टिस्ट हॅंू और एक अंतरराष्ट्ीय कंपनी ‘फला मार्केट’ में मेकअप आर्टिस्ट के रूप में नौकरी कर रही हॅूं.यह एक बड़ी कंपनी है.इस तरह मैं अपनी जिंदगी में सैटल हो चुकी हूं. और अब तो मेरे लिए मॉडलिंग व अभिनय के दरवाजे भी खुल गए हैं.मैं मास्क टीवी की सीरीज ‘‘प्रोजेक्ट एंजल्स’’ में अभिनय कर रही हूं.इसके बड़े बड़े पोस्टर व होर्डिंग्स लगे हुए हैं.इससे मेरी एक अलग पहचान बन रही है.अब मेरे किन्नर समुदाय के लोगो को भी एक नई प्रेरणा मिलेगी और वह भी अपनी जिंदगी में कुछ अलग करने का प्रयास करेंगे.अब यह लोग खुद को तुच्छ नहीं समझेंगे.
सवाल – आप अंतरराष्ट्रीय ब्रांड ‘फला मार्केट’ में प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट के रूप में कार्य कर रही हैं,वहां किस तरह के अनुभव होते हैं?
जवाब – देखिए,वहां पर हर तरह के लोग आते हैं.जिनके पैसा है,उन्हे कौन रोकेगा. मगर जो शिक्षित लोग होते हैं,वह हमारी प्रशंसा करके जाते हैं.वह अपनी बातांेे से हमारा हौसला ही बढ़ाते हैं. कुछ लोग कहते हैं कि ,‘आप इतनी अच्छी जगह काम कर रहे हो,इसका हमें गर्व है.आप खूबसूरत हैं.’’मगर जब कोई अशिक्षित या नीची सोच वाले ग्राहक आते है,तो वह हमें देख कर मुंह बनाते हुए कहते है,‘ अरे,यह किन्नर..इससे हम मेकअप नहीं करवाएंगे…’ इन अशिक्षित लोगों की नजर में किन्नर का मतलब धब्बा ही होता है.
सवाल – तो आप लोगों की सोच बदलना चाहते हैं?
जवाब – जी हां!मेरा मानना है कि किन्नर होने का मतलब धब्बा नहीं है.वह तुच्छ नही है.हर किन्नर को इस समाज में सम्मानजनक जिंदगी जीने का पूरा हक है.हम सभी इंसान हैं.जब हर इंसान इस ढंग से सोचेगा तभी हर किन्नर की जिंदगी बदल सकेगी.फिर किसी भी किन्नर को सिग्नल पर खड़े होकर हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा.यदि हर किन्नर शिक्षित होगा और समाज में अच्छा काम करेगा,तो यह भारत देश की प्रगति ही होगी.
सवाल – आप प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट हैं,तो मेकअप की कला कहां से सीखी?
जवाब – मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं मेकअप सीखने के लिए किसी क्लास में जाती. पहले मुझे एक कंपनी मे हाउसकीपिंग की नौकरी मिली थी.कंपनी वालो ने मेरा व्यवहार,मेरे काम करने व बात करने का तरीका देखा.उन्होने मेरे अंदर सीखने की ललक को पहचाना.मेरी मेहनत देखी.तो धीरे धीरे मेरा पद बढ़ता गया.फिर उसी कंपनी ने मुझे मेकअप करना सिखाया.आज मेरी गिनती बेहतरीन प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर होती है.
सवाल – अच्छी नौकरी मिलने के बाद तो समस्याएं खत्म हो गयी होंगी?
जवाब – भारत देश का समाज किसी को भी चैन से रहने नहीं देता.किन्नर होने के नाते आसानी से किराए का मकान नहीं मिलता..मुश्किल किराए का मकान मिला,तो शर्तें लाद दी गयी कि जोर से बात नहीं करोगी.तुम्हारा कोई दोस्त तुमसे मिलने नहीं आएगा.रात में देर से नहीं आओगी.लोगों की मेंटालिटी अजीबोगरीब है.आए दिन कुछ न कुछ समस्याएं खड़ी करते रहते हैं.
सवाल – ओटीटी प्लेटफार्म ‘‘मास्क टीवी’’ की सीरीज ‘प्रोजेक्ट एंजल्स’’ से जुड़ना कैसे हुआ?
जवाब – मेरे दोस्त ने मुझे इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया था.फिर मैं मानसी भट्ट व चिरंजीवी भट्ट से मिली.इन लोगों ने हमें कहानी सुनायी,तो मुझे अहसास हुआ कि इससे जुड़कर मैं अपने किन्नर समुदाय तक बड़े स्तर पर प्रेरणा दायक बात पहुंॅचा सकती हॅूं.मुझे इसमें अभिनय करने में बड़ा मजा आ रहा है.मुझे मास्क टीवी ने एक बड़ा प्लेटफार्म मुहैय्या कराया है.
सवाल – ‘प्रोजेक्ट एंजल्स’ में क्या कर रही हैं?
जवाब – इससे पहले मैंने ‘पिंकविला’ सीरीज में भी अभिनय किया था,जिसमें ट्रांसजेंडर /किन्नर की जिंदगी के बारे में बताया गया था.लेकिन सीरीज ‘प्रोजेक्ट एंजल्स’ में हम किन्नरों की खूबसूरती के साथ ही इस बात को दिखाया जा रहा है कि हम अभिनय कर सकते हैं,हम मॉडलिंग कर सकते हैं.यानी कि हमारे अंदर के कलात्मक पक्ष को उभारा जा रहा है.जिसे देखकर हमारी कम्यूनिटी के लोग भी प्रेरणा लेंगे.फिर हम सभी को बौलीवुड ही नहीं,टीवी इंडस्ट्री में भी काफी काम मिलेगा.
सवाल – क्या इस सीरीज में आपकी निजी जिंदगी के संघर्ष को भी दिखाया जा रहा है?
जवाब – जी नहीं..यह सीरीज तो इस बात को चित्रित कर रही है कि हम किन्नर सिग्नल पर हाथ फैलाने की बजाय क्या क्या कर अपना विकास करने के साथ ही समाज व देश की प्रगति में भी योगदान दे सकते हैं.इसमें दिखाया गया है कि किन्नर भी आम इंसान ही हैं.हम भी खूबसूरत हैं.हम इस सीरीज में यही बता रहे हैं कि हम किन्नर सिर्फ सिग्नल पर खड़े रहने या ट्रेन के डिब्बों के लिए नही बने हैं,बल्कि हम भी माॅडल, अभिनेत्री, डांसर, मेकअप आर्टिस्ट सहित सब कुछ बन सकते हैं.हम भी अच्छी षिक्षा ले सकते हैं.हम भी वकील व जज बन सकते हैं.हम अपनी जिंदगी में काफी कुछ कर सकते हैं.
सवाल – क्या आप अपने किन्नर समुदाय के लोगों को समझाती हैं?
जवाब – देखिए,जो उम्र दराज की हैं,उन्हे समझाने से कोई फायदा नही.मगर हम नई उम्र की किन्नरांे से बातें करते रहते हैं,हम सभी को यही समझाते हंै कि वह भी हमारी तरह मेहनत का रास्ता अपनाकर जिंदगी को संवारने का प्रयास करें.वह भी अच्छी पढ़ाई करें.अपने आपको इंसान के तौर पर स्वीकार कर लोगांे से कंधे से कंधा मिलाकर चलने की सोचे.नौकरी कर अपने पैरों पर खड़ी हों.
सवाल – इसके बाद भी अभिनय करना चाहेंगी?
जवाब – जी हां! फिलहाल तो ‘मास्क टीवी’ का ही एक दूसरा सीरीज करने वाली हूं. इसके अलावा एक फिल्म का भी ऑफर आया है.अब मुझे एक बड़ी माॅडल औरबड़ी अभिनेत्री बनना है.
-शीतल सिंह “माया”
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