कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल पास किए जाने की प्रशंसा की है और कुछ सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ”महिलाओं के लिए ये बिल बहुत ज़रूरी है. पर इसमें जो दो फुटनोट हैं उस पर हमारा ध्यान गया- परिसीमन और जातीय जनगणना. ये बिल आज लागू किया जा सकता है. कोई मुश्किल मामला नहीं है. सरकार वो करना नहीं चाहती. सच्चाई ये है कि ये 10 साल बाद लागू होगा. ये भी नहीं मालूम कि ये होगा भी या नहीं.” राहुल गांधी बोले, ये ओबीसी जनगणना से ध्यान हटाना चाहते हैं.
राहुल गांधी ने संसद में कही बातों को एक बार फिर दोहराते हुए कहा, ”पीएम मोदी कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम कर रहे हैं. अगर वो इतना कर रहे हैं तो 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ़ तीन ही ओबीसी क्यों हैं. ओबीसी अधिकारी हिंदुस्तान के पांच फीसदी बजट को कंट्रोल कर रहे हैं. पीएम हर रोज़ ओबीसी की बात करते हैं, पर उनके लिए कर क्या रहे हैं.”
राहुल गांधी कहते हैं, ”मैंने जब ये बात कही तो वो लोकसभा में अपने नेताओं की संख्या बता रहे हैं. पर इसका बजट कंट्रोल करने वाले अधिकारियों से क्या नाता है. मैंने सवाल ये पूछा कि क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी पांच फीसदी है. अगर ऐसा है तो कोई दिक्कत नहीं.”
राहुल गांधी बोले, ”मैं मन मना लेता हूं तो छोड़ता नहीं हूं. मुझे ये जानना है कि देश में कितने ओबीसी हैं.”
वो बोले, ”आप किसी भी लोकसभा सांसद से पूछ लीजिए. लोकसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है. आप किसी भी बीजेपी के सांसद से पूछ लीजिए कि क्या वो कोई कानून बनाता है, कोई फ़ैसला लेता है. बिलकुल नहीं.
कांग्रेस, बीजेपी या भारत का कोई सांसद खुद कोई फैसला नहीं लेता है. जैसे मंदिर में मूर्तियां होती हैं, वैसे सांसदों को बना रखा है और ओबीसी की मूर्तियां भर रखी हैं. पर ताकत बिलकुल नहीं है. देश को चलाने में कोई भागीदारी नहीं है.”
राहुल गांधी ने दावा किया- ”ये मूर्ति वाली जो बात है, ये संसद के बाहर एक बीजेपी सांसद ने मुझसे कही थी.”
वो बोले- ”हमने जनगणना की थी उसे सरकार सार्वजनिक कर दे. पीएम मोदी को अगले भाषण में भारत को ये समझाना है कि देश के ज़रूरी 90 अधिकारियों में सिर्फ़ तीन ओबीसी क्यों हैं?”
Compiled: up18 News