नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एयरस्ट्राइक की है। एक साथ 9 ठिकानों पर हमला किया गया है। सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों पर हमला किया गया। बयान में कहा गया है कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने पहलगाम हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान से लिया है। भारतीय सेना की तरफ से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ’25 अप्रैल को यूएनएससी की प्रेस वक्तव्य में टीआरएफ के संदर्भ को हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं.।’
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के तहत आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया है। ये खास ध्यान दिया गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसलिए एजेंसियों के इनपुट पर खास ध्यान दिया गया। सवाईनाला कैंप पहला टारगेट है। ये लश्कर तैय्यबा का गढ़ था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया।
विक्रम मिसरी ने कहा, पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है। हमलावरों की पहचान भी हुई है। हमारी इंटेलिजेंस ने हमले में शामिल लोगों से जुड़ी जानकारी जुटा ली है। इस हमले का कनेक्शन पाकिस्तान से है। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकवादियों के लिए एक शरण स्थल के रूप में पहचान बना चुका है।
22 अप्रैल को पहलगाम में बर्बरतापूर्वक हमला किया। इसमें वहां मौजूद लोगों को करीब से और परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात कराया गया। जम्मू कश्मीरी में पर्यटन बढ़ रहा था। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट कश्मीर आए थे। इस संघ राज्य क्षेत्र में विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा रखने का उद्देश्य था। ये जम्मू-कश्मीर सहित भारत में सामुदायिक घटना कराने की कोशिश की।
विक्रम मिसरी ने कहा कि हमले के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, उसने उल्टा आरोप लगाया। भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं, इसलिए इससे निपटना जरूरी है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, ‘पहलगाम का हमला बर्बरपूर्ण था। परिवारवालों के सामने उनके परिजनों को मारा गया। इस हमले का मुख्य उद्देश्य कश्मीर को फिर से उजाड़ने का था। हमले का उद्देश्य सांप्रदायिक भावना को भड़काना था।’
-साभार सहित