आगरा: बरौली अहीर के काकर की निवासी लक्ष्मी गर्भावस्था के दौरान कमजोर थीं। डॉक्टर ने उन्हें सुपोषित आहार में बाकी चीजों के साथ हरी सब्जियों का सेवन करने के लिए कहा। क्षेत्र की आंगनवाड़ी विनीता देवी को यह पता चला तो उन्होंने गर्भवती को विभाग द्वारा दिए जा रहे पुष्टाहार के अतिरिक्त पोषण वाटिका से लगातार हरी सब्जियां देना शुरू किया। लक्ष्मी ने इसके साथ डॉक्टर द्वारा दी गई आयरन की गोलियां व अन्य दवाइयों का भी समय से सेवन किया। इसका परिणाम यह रहा कि 4 मार्च 2022 को लक्ष्मी ने चार किलोग्राम वजन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रसव के बाद लक्ष्मी भी पूरी तरह स्वस्थ हैं और अब उनका बच्चा 8.2 किलोग्राम का है।
आंगनवाड़ी विनीता देवी बताती हैं कि उन्होंने और उनकी सहायिका शकुंतला ने अगस्त 2021 में पोषण वाटिका बनाई थी। इसमें साग, पालक, तोरई, लौकी कद्दू जैसी हरी सब्जियां उगती हैं। इन सब्जियों को वह गर्भवतियों व कुपोषित बच्चों को देती हैं, जिससे कि विभाग द्वारा मिल रहे पुष्टाहार और आयरन व कैल्शियम की दवाओं के अतिरिक्त हरी सब्जियों से भी वह स्वस्थ हो सकें।
बरौली अहीर ब्लॉक के ही देवरी गांव की छह माह की गर्भवती पूनम बताती हैं कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में ही क्षेत्र की आंगनवाड़ी मीरा देवी ने हमारे घर के पीछे खुले भाग में पोषण वाटिका बनवा दी थी। इसमें कई तरह की हरी सब्जियां आती हैं। डॉक्टर द्वारा दी गई आयरन की गोलियां के लगातार सेवन करने और आंगनवाड़ी द्वारा मिले पोषण आहार की सामग्री के साथ हरी सब्जियों का सेवन करने से वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा ने बताया कि बच्चों, किशोर-किशोरी, गर्भवती व धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों का मिलना बहुत जरूरी होता है। पुष्टाहार के साथ-साथ हरी सब्जियों के सेवन से इनकी कमी को पूरा किया जा सकता है। इसी क्रम में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग द्वारा जनपद के प्रत्येक ब्लॉक के लगभग सभी ग्राम पंचायतों में पोषण वाटिका तैयार की गई हैं।
पोषण वाटिका को तैयार करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने अपना पूरा योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका विकसित करने का मुख्य उद्देश्य है कि लाभार्थियों को उनके आसपास ही ताजी हरी साग-सब्जियाँ, फल, औषधि आसानी से मिल सकें। फल एवं सब्जियाँ सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। जनपद में 697 पोषण वाटिकाएं बनाई जा चुकी हैं।
बरौली अहीर के सीडीपीओ राय साहब यादव ने बताया कि इन पोषक तत्वों को नियमित आहार में सम्मिलित करना बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है। खट्टे फल, अदरक, आँवला, अमरूद, पालक, सहजन, चौलाई आदि स्थानीय उगाई जाने वाली साग-सब्जियों के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे बीमारी व वायरल संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होने बताया कि सितंबर माह में साग-सब्जियों एवं फलों के पौधों के रोपण का उचित समय है, इसके तहत पोषण वाटिका के विकास के लिए क्षेत्र स्तर पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
औषधिय गुणों वाले भी पौधे लगाए गए
जनपद में तैयार की गईं समस्त पोषण वाटिका में फलदार, औषधी एवं हरी सब्जी युक्त पौधे सम्मिलित हैं। फलदार पेड़ो में आम, आँवला, अमरूद, पपीता, नींबू, इमली आदि के पौधे लगाए गए। औषधी में नीम, तुलसी, धृत कुमारी (एलोवेरा), अश्वगंधा, सदाबहार आदि के पौधे लगाए गए। हरी साग सब्जी युक्त में पालक, सहजन, चौलाई, बथुआ, मेथी, लौंकी, तुरई, बैंगन आदि के पौधे रोपे गए हैं।
-up18news