लोकसभा चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ, मायावती बोलीं- मुस्लिम समाज ने नहीं दिया हमारा साथ,आगे सोच समझकर ही इनको मौका दूंगी

लोकसभा चुनाव में मिली हार का मायावती ने ठीकरा मुस्लिम समाज पर फोड़ा, कहा- आगे सोच समझ के ही दिया जायेगा मौका

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लखनऊ। 18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में हुआ आमचुनाव, अब लगभग ढाई महीने के लम्बे समय के बाद, आज चुनाव परिणाम के साथ अपने समापन पर है और आज जब लोकसभा चुनाव का जो भी व जैसा भी नतीजा आया है वह लोगों के सामने है, और उन्हें ही, अब देश के लोकतंत्र, संविधान व देशहित आदि के बारे में सोचना और फैसला करना है कि यह जो चुनाव परिणाम आया है उसका आगे उन सबके जीवन पर क्या फर्क (असर) पड़ने वाला है तथा उनका अपना भविष्य कितना शान्त, समृद्ध व सुरक्षित रह पाएगा।

इसके अलावा, इस चुनाव में खासकर यूपी की तरफ पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थीं और यहाँ भी जो परिणाम सामने आया है वह भी जनता के सामने है। हमारी पार्टी इसको गंभीरता से लेकर इसका हर स्तर पर गहराई से सही विश्लेषण करेगी और पार्टी व मूवमेन्ट के हित में जो भी ज़रूरी होगा तो उसको लेकर ठोस कदम भी उठाएगी क्योंकि बी.एस.पी. एक राजनीतिक पार्टी के साथ-साथ लोगों के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का एक मूवमेन्ट भी है।

और अब अन्त में मेरा यही कहना है कि इस बार चुनाव में अपनी पार्टी बी.एस.पी. का अकेले ही, पार्टी से जुडे लोगों के बलबूते पर बेहत्तर रिज़ल्ट के लिए जो हर सम्भव पूरा-पूरा प्रयास किया गया है जिसमें खासकर दलित वर्ग में से मेरी खुद की जाति के लोगों ने अधिकांश अपना वोट बी.एस.पी. को देकर जो अपनी अहम् मिशनरी भूमिका निभाई है। तो उनका भी मैं विशेषकर पूरे तेहदिल से आभार प्रकट करती हूँ। साथ ही बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनावों में व इस बार भी लोकसभा आमचुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद भी बी.एस.पी. को ठीक से नहीं समझ पा रहा है तो अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझ के ही चुनाव में पार्टी द्वारा मौका दिया जायेगा। ताकि आगे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान ना हो, इन्हीं खास बातों के साथ ही अब मैं अपनी बात यहीं समाप्त करती हूँ।