– संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान व डायरिया रोको अभियान के लिए अंतर्विभागीय बैठक का हुआ आयोजन
मथुरा: संचारी रोग नियंत्रण अभियान, दस्तक अभियान व डायरिया रोको अभियान एक से 31 जुलाई के मध्य होगा। अभियान को सफल बनाने के लिए सोमवार को जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी डॉ. मनीष मीना की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में सीडीओ ने कहा कि सभी सहयोगी विभाग टाइम लाइन के अनुसार ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण पूर्ण कराना सुनिश्चित कर लें। विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर ब्लॉक व जनपद स्तरीय माइक्रोप्लान तैयार कराकर अनिवार्य रूप से 27 जून तक सीएमओ कार्यालय को भेजना है।
सीडओ ने गत तीन वर्ष के हाईरिस्क क्षेत्र की सूची (वैक्टर जनित रोग ) के अनुसार समस्त गतिविधियां कराने पर जोर दिया। सीडओ ने कहा कि मॉनीटरिंग संस्थाओ यूनिसेफ और डब्लएचओ को अभियान के दौरान डेली/ वीकली फीडबैक शेयर करना होगा। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा संचारी व दस्तक अभियान के साथ-साथ डायरिया रोको अभियान में भी प्रतिदिन आशा कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र भ्रमण किया जाए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय पुरुष/महिला, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक अभियांत सिचाई विभाग, प्रतिनिधि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, प्रतिनिधि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रतिनिधि जिला विद्यालय निरीक्षक, समस्त ब्लॉक चिकित्सा अधीक्षक, डीएमसी यूनिसेफ़, एसएमओ डब्लएचओ, प्रतिनिधि जिला उद्यान अधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत, समस्त मलेरिया निरीक्षकों आदि के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
क्या करें-
– पानी के बर्तन, ड्रम, टंकी आदि ढक कर रखें।
– सप्ताह में एकबार पानी के बर्तनों को खाली कर लीजिए।
– जिन स्थानों में पानी का इकट्ठा होना रोका न जा सके, वहां पानी में कुछ बूंदें मिट्टी का तेल या ट्रैक्टर का जला मोबिल ऑइल डाल दीजिए।
– मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छर रोधी क्रीम, नीम का तेल, कडवा तेल शरीर पर मलें व लगाएं।
– सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
– ऐसे कपडे पहनें जो शरीर को पूरा ढके रखे।
– बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से खून की जांच करायें।
– दवा नियमित और पूरी खाए।
क्या न करें-
– घर में व घर के आसपास टूटे बर्तन, टायर, फूलदान आदि बर्तनो में जलभराव न होने दें।
– बुखार आने पर नीम हकीम के पास न जाए।
– तेज बुखार उतारने के लिए एस्प्रिन या ब्रुफिन टेबलेट का इस्तेमाल न करें।
– खाली पेट दवा न खायें।
डायरिया रोको अभियान के अंतर्गत आवश्यक जागरूकता
– प्रथम 06 माह तक केवल मां का दूध और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उपचार लें।
– ओआरएस (स्वादानुसार बाजार में भी उपलब्ध ) ।
– छाछ ।
– नींबू पानी ।
– दाल या सब्जी का सूप,पानी ।
– चावल का माड़ ।
– ताजे फलों का रस बिना चीनी डालें ।
– सादा स्वच्छ पानी या उबला पानी ।
हानिकारक पदार्थ-
– कोल्ड ड्रिंक्स, बोतल वाले पेय पदार्थ
– फलों का रस जिसमें चीनी ऊपर से मिलाया गया हो
– कॉफी
– चाय
– ग्लूकोज
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