मथुराः दयनीय हाल में है आजनौख का किशोरी कुण्ड, जीर्णोधार लिए प्रशासन नहीं दे रहा धन

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मथुरा। बरसाना के ग्राम आजनौख में अति दयनीय हालत में किशोरी कुण्ड के जीर्णोधार के लिए प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक बजट उपलब्ध कराने हेतु पत्राचार के बावजूद आजतक कोई धन उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह हाल तो तब है जबकि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ब्रज के पौराणिक स्वरूप को संवारने के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कह चुके हैं।

पांच वर्ष से लगातार पत्राचार करने के बाद शासन से जबाव मिलता रहा कि कुण्ड पर कार्य कराएं जाने हेतु वर्तमान में स्थानीय स्तर पर कोई बजट उपलब्ध नहीं हैं।

गौरतलब है कि छाता तहसील के अन्तर्गत गांव आजनौख को अंजन वन भी कहा जाता है जिसमें स्थित किशोरी कुण्ड का जल आचमन योग्य नहीं रह गया है, पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। करीब 15 वर्षों से कुण्ड की ये दयनीय हालत है, जिसके कारण इसका जल जानवरों के जीवन को गहरे संकट में डाल सकता है।

कुण्ड के जीर्णोधार हेतु ग्राम आजनौंख निवासी लोकेश भारद्वाज द्वारा पर्यटन विभाग को बजट के सम्बन्ध में 29 अप्रैल लेकर 2019 से मार्च 2024 तक कई पत्र लिखे जा चुके हैं। सभी पत्रों के संदर्भ में पर्यटन विभाग से एक ही जबाव बार-बार मिला कि कुण्ड पर कार्य कराए जाने हेतु वर्तमान में स्थानीय स्तर पर कोई बजट उपलब्ध नहीं है।

किशोरी कुण्ड की इस दयनीय हालत की गांव के संभ्रांत लोंगों द्वारा कई बार प्रशासन के सामने रखा जा चुका है। फिर भी कुण्ड के जीर्णोधार के लिए न तो प्रशासन और न ही कोई एनजीओ सामने आया है। गांव के जिम्मेदारों ने बताया है कि बहुत समय पहले अलग-अलग दिनों में गांव आई टीमों के द्वारा कुण्ड की नपाई और सर्वे का काम किए जा चुके हैं लेकिन उसके बाद यहां कोई नहीं आया।

कुण्ड का दूषित हो चूका जल, कुण्ड किनारे आवास का निर्माण व वन भू- भाग पर खड़े डूंगर के हरे-भरे पेड़ काट कर किया जा रहा है अवैध कब्जों का प्रयास

इस संदर्भ में अंजन बिहारी मंदिर के पुजारी विमल का कहना है कि कुण्ड की रक्षा के लिए 108 सदस्यों से अंजन बिहारी ठाकुर ग्रुप बनाकर चंदा द्वारा धन एकत्र किया गया ताकि कुण्ड के रखरखाव और कुण्ड किनारे की भूमि पर अवैध कब्जाधरियों को रोका जा सके। परंतु प्रशासन की अनदेखी के कारण इसमें कोई सफलता नहीं मिली जबकि इसके उलट अवैध कब्जेधारियों द्वारा कुण्ड किनारे जमीन पर नींव की खुदाई और ईंटे डालकर कुण्ड के समीप वन के भू-भाग पर खड़े हरे-भरे डूंगर के पेड़ों को भूमि पर कब्जा करने हेतु काटा जा रहा है।

कुण्ड की दयनीय हालत के कारण उसके भू-भाग पर कब्जा करने की लगातार कोशिशों जारी हैं जिसकी प्रशासनिक अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं।

कुण्डों की दयनीय हालत और अवैध कब्जों पर श्री राधा रानी महल, बरसाना के सेवाधिकारी आचार्य किशोरी श्याम गोस्वामी का कहना है कि जनपद मथुरा की पावन भूमि पर कुण्डों की यह दयनीय दुर्दशा आस्था को चोटिल करती है और गहरी पीड़ा भी। उन्होंने कहा कि सर्व विदित है कि समूचे ब्रजमंडल की प्राचीन संस्कृति वन, तालाब, कूप एवं श्री ठाकुर जी के लीलास्थलों पर आतताइयों का आधिपत्य है, वे अनाधिकार कब्जा जमा कर उनके अस्तित्व को ही समाप्त करने पर तुले हुए हैं जबकि राज्य सरकार श्री ब्रजमंडल को संरक्षित कर नवीनरूप देकर विकास करने का प्रयास कर रही है। वहीं ये दुष्ट प्रवृत्ति के लोग अपनी अनिष्टकारी गतिविधियों से बाज नहीं आते। पुराणों में नंदगांव में 56 कुण्डों वनों और कुपों का वर्णन है किन्तु वास्तविकता इससे भिन्न है। क्या नंदगांव और क्या बरसाना, भू-माफिया का खूब बोलबाला है? फिर भी नगर पंचायत और प्रशासन न जाने क्यों मौन धारण किए हुए हैं?

किशोरी कुण्ड किनारे व वन भू-भाग पर खड़े हरे-भरे डूंगर के वृक्ष को काटे जाने की बाबत तहसील छाता के प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी भी अधिकारी द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर उक्त मामले में कोई ठोस कार्यवाही की गई या या की जाने वाली है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई।

– पवन भट्ट