अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे रोकने की मांग वाली अर्जी खारिज हो गई है। गुरुवार को वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने कहा कि सर्वे में मिल रहे साक्ष्यों को सुरक्षित रखने का आदेश पहले ही जिलाधिकारी को दे चुके हैं। ऐसे में सर्वे रोकने का मसाजिद कमेटी का आवेदन खारिज किया जाता है।
जिला जज ने कहा यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पहले ही उठाया जा चुका है। दोनों ही जगह इसे खारिज कर दिया गया। ऐसे में इस अदालत को इस मामले में सुनवाई की अधिकार नहीं है। इस मामले में मसाजिद कमेटी चाहे तो सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
मसाजिद कमेटी की ये थी दलील
मसाजिद कमेटी ने अपने आवेदन में बिना फीस जमा किए एएसआई द्वारा ज्ञानवापी में सर्वे करने और इस संबंध में नोटिस तामील न कराए जाने की बात कही थी। कहा था कि सर्वे विधि विरुद्ध तरीके से किया जा रहा है। इसलिए ज्ञानवापी में सर्वे का काम रोका जाए। अदालत ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आदेश के लिए 26 सितंबर की तिथि तय की थी। 26 सितंबर को कोर्ट नहीं चलने के कारण आदेश के लिए 28 सितंबर की तिथि तय की गई थी।
सील वजूखाने के एएसआई से सर्वे की मांग पर हुई सुनवाई
ज्ञानवापी स्थित सील वजूखाने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने के लिए मां श्रृंगार गौरी वाद की वादिनी राखी सिंह की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। मामले से जुड़े सभी पक्ष को पक्ष को आवेदन की प्रति दी गई। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि पांच अक्टूबर तय की। इस प्रार्थना पत्र पर विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को आपत्ति दाखिल करनी है।
चार अगस्त से जारी है ज्ञानवापी में सर्वे
यहां यह बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से ज्ञानवापी में एएसआई ने सर्वे का काम चार अगस्त से जारी है। केवल 15 अगस्त को सर्वे का काम रोका गया था। सर्वे के दौरान मिले साक्ष्यों को जिलाधिकारी को सौंपी जानी है। वहीं, छह अक्तूबर तक सर्वे की रिपोर्ट जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश की जानी है।
Compiled: up18 News