यूपी सरकार ने काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ सुनील कुमार वर्मा को पद से हटा दिया है। उन्हें वाराणसी के अपर आयुक्त प्रशासन पद पर भेज दिया गया है। वर्मा के ट्रांसफर के लिए जारी आदेश की भाषा उच्चस्तरीय नाराजगी को दर्शा रही है।
वर्मा को अचानक हटाने के पीछे कोई कारण तो नहीं बताया गया है पर विश्वनाथ मंदिर में करोड़ों रुपये के टिकट, फर्जी दर्शन-पूजन, नकली टिकट, आरतियों के टिकटों के ब्लैक में कई गुना कीमत पर बेचे जाने को लेकर उन पर सवाल उठते रहे हैं।
उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से जारी ट्रांसफर आदेश में लिखा है-‘सुनील कुमार वर्मा प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बगैर तत्काल नवीन तैनाती के पद पर कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करेंगे और कार्यभार प्रमाणक शासन को उपलब्ध कराएंगे। यदि कार्यभार ग्रहण नहीं किया जाता है तो नियमानुसार आनुशासिक कार्यवाही की जाएगी।’
पत्र में ये भी लिखा है कि स्थानान्तरित अधिकारी को कोई अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाए और नियंत्रण प्राधिकारी द्वारा उन्हें तत्काल कार्यमुक्त किया जाए। यदि वर्मा को तत्काल कार्यमुक्त नहीं किया जाता है तो यह अनुशासनहीनता मानी जाएगी और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
2011 बैच के पीसीएस
गौरतलब है कि 2011 बैच के पीसीएस अफसर सुनील कुमार वर्मा को तीन सितंबर, 2020 को काशी विश्वनाथ मंदिर में सीईओ बनाया गया था। इसके पहले भी वह वाराणसी में सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे। काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ बनने से पहले वह जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर थे। सुनील वर्मा ने इतिहास विषय से डॉक्टरेट डिग्री हासिल की है।
-एजेंसी
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