कैश फॉर क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार सुनवाई हुई। महुआ मोइत्रा ने अपने मानहानि के मुकदमे से मीडिया हाउस को हटाने का फैसला किया। सिर्फ बीजेपी के निशिकांत दुबे और वकील जय देहाद्रई के साथ एक नई लिस्ट दाखिल करने की अनुमति उनके वकील की ओर से मांगी गई। निशिकांत दुबे की ओर से वकील अभिमन्यु भंडारी पेश हुए और कहा कि सांसद ने झूठ बोला। इस मामले की सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
महुआ मोइत्रा ने 17 अक्टूबर को दायर याचिका में दुबे, वकील देहाद्रई, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर), गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोके जाने का अनुरोध किया था।
वहीं लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने से जुड़े आरोपों के मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा से 31 अक्टूबर के बजाय 2 नवंबर को उसके सामने पेश होने को कहा है।
कमेटी ने साफ किया है कि इसके बाद इस तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
मोइत्रा ने शुक्रवार को लोकसभा की एथिक्स कमिटी के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर को पत्र लिखकर पेश न हो पाने का कारण बताया था। उनकी ओर से कहा गया कि वह BJP सांसद निशिकांत दुबे की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों के मामले में अपने पहले से तय कार्यक्रमों के चलते कमेटी के सामने 31 अक्टूबर को पेश नहीं हो पाएंगी।
Compiled: up18 News