प्रयागराज। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. बस्ती से सपा की चैयरमैन नेहा वर्मा, सपा नेता अंकुर वर्मा, पूर्व सपा प्रवक्ता ऋचा सिंह बीजेपी में शामिल होंगी. पिछले दिनों सपा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली ऋचा सिंह बीजेपी प्रदेश मुख्यालय पर शामिल होने के लिए पहुंच गई हैं. ऋचा सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रही हैं. दो बार सपा के टिकट पर प्रयागराज के शहर पश्चिमी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं.
2022 में सपा जॉइन करने वाले कर्मचारी नेता हरिकिशोर तिवारी भी भाजपा में शामिल होंगे. कांग्रेस नेता उदित राज के भाई पूर्व विधायक मिर्जापुर कलीचरण सोनकर भी प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में भाजपा की सदस्यता लेंगे.
गौरतलब है कि दिसंबर 2016 में औपचारिक रूप से अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने वाली ऋचा सिंह अक्टूबर 2015 में सपा के समर्थन से इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ (AUSU) की अध्यक्ष चुनी गई थीं. इसके बाद सपा ने 2017 के चुनाव में ऋचा सिंह को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि वह इस चुनाव में हार गई थीं. उन्हें भारतीय जनता पार्टी विधायक और पार्टी प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने करीब 25,000 वोटों से हार गई थीं.
ऋचा सिंह ने पूर्व सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर टिप्पणी के विरोध में आवाज उठाई थी. दोनों के बीच बयानबाजी भी हुई थी. 16 फरवरी 2023 को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
हालांकि इसे लेकर ऋचा सिंह ने पार्टी के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी. इसके साथ ही उन्होंने सपा मुखिया अखिलेश यादव को ट्विटर पर टैग कर अपनी भड़ास निकाली थी. उन्होंने लिखा, राजनीति हमें विरासत में नहीं मिली संघर्ष से पग-पग सीखा है, आगे भी संघर्ष होगा. महिलाएं “ताड़न” की अधिकारी इसको स्वयं समाजवादी पार्टी ने चरितार्थ किया है” आज अगर लोहिया जी होते जो रामायण मेले के आयोजन की बात किया करते थे, समाजवादी पार्टी के द्वारा लोहिया जी का भी निष्कासन कर दिया जाता.
– एजेंसी
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