एशिया कप में पााकिस्तान के ख़िलाफ़ सुपर फ़ोर मुक़ाबले में विराट कोहली अपने पुराने रंग में लौट आए. क़रीब एक महीने क्रिकेट के मैदान से दूर रहने के दौरान वे दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ टी-20 सिरीज़, वेस्ट इंडीज़ और ज़िम्बाब्वे के दौरे पर नज़र नहीं आए. ब्रेक के बाद एशिया कप में उन्होंने बेहतरीन वापसी की है.
पहले मैच में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ उन्होंने विकेट पर टिकने की कोशिश की और 35 रनों की पारी खेली. उसके बाद हांगकांग के ख़िलाफ़ उन्होंने अर्धशतक जमाते हुए 59 रन बनाया.
इसके बाद तीसरे मैच में एक तरह से उन्होंने अपनी पुरानी रंगत हासिल कर ली. पाकिस्तान के क्वालिटी गेंदबाज़ों के सामने उन्होंने 44 गेंदों पर 60 रनों की पारी खेली. कोहली ने इस पारी में चार चौके और एक छक्का जमाया.
इस छक्के की मदद से उन्होंने इस मैच में अपना अर्धशतक पूरा किया. इस अर्धशतक को पूरा करने के बाद विराट कोहली टीम इंडिया की जर्सी को चूमते नज़र आए. मानो वे टीम इंडिया से मिले मौके़ के लिए शुक्रिया जता रहे हों.
बहरहाल, अपनी पारी के दौरान कोहली जिस तरह से विकेट पर भागते दिखे, उससे लग रहा था कि ये वो क्रिकेटर नहीं है जो बीते तीन साल से एक इंटरनेशल शतक की तलाश में ऑउट ऑफ़ फॉर्म हो चुका था.
हालांकि क्रैम्प की वजह से वे फील्डिंग के दौरान मैदान में नहीं दिखे. लेकिन कोहली जब भारत की हार के बाद प्रेस कांफ्रेंस में आए तो एक बार फिर स्पष्ट हुआ कि ये कोहली तो कोई और ही है.
दरअसल, अपनी आक्रामकता के चलते कई बार आलोचना झेलने वाले कोहली बहुत सहज भाव ने प्रेस कांफ्रेंस में सवालों के जवाब देते नज़र आए.
14 साल से लगातार खेल रहा हूं…
एक सवाल के दौरान थोड़ी तल्खी भी दिखाई लेकिन जल्दी ही मुस्कुराने लगे. उन्होंने कहा, ’14 साल से लगातार क्रिकेट खेल रहा हूं, ये कोई चांस की बात तो है नहीं. टीम के ड्रेसिंग रूम में जो बात होती है वो ही मेरे लिए अहम है.’
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 60 रन की पारी पर उन्होंने कहा, “मैंने अपनी ओर से 120 प्रतिशत कोशिश की.” लेकिन हंसते मुस्कुराते कोहली पिछले कुछ समय से जो कुछ झेल रहे हैं, उसका दर्द छिपा नहीं पाए.
उन्होंने कहा, “बहुत लोग टीवी पर बोलते हैं. लेकिन मैं आप लोगों से केवल इतना बताना चाहता हूं कि जब मैंने टेस्ट कप्तानी से इस्तीफ़ा दिया था तो मेरे पास केवल एक इंसान का मैसेज आया था, जिनके साथ मैंने पहले खेला हुआ है. वो इंसान हैं एमस धोनी जबकि और लोगों के पास मेरा फ़ोन नंबर है. टीवी पर लोग बहुत सजेश्चन देते हैं, लोगों के पास बोलने के लिए होता है, लेकिन जिनके पास मेरा नंबर है, उनके मैसेज नहीं आए.”
कोहली ने धोनी के साथ अपने ख़ास कनेक्शन का जिक्र भी किया.
उन्होंने कहा, “एक रेस्पेक्ट का कनेक्शन होता है. जब ये जेनुइन होता है तो ये होता है क्योंकि दोनों तरफ़ सिक्योरिटी होती है. ना ही उनको हमसे कुछ चाहिए, ना ही मुझे उनसे कुछ चाहिए. लोग टीवी पर बोलते हैं, लेकिन किसी ने निजी तौर पर संदेश नहीं भेजा. ऐसा नहीं है कि मुझ पर इन सबका असर नहीं होता है. मैं भी इंसान हूं, लेकिन मैं सब समझता हूं.”
धोनी ने किया था कोहली को मैसेज
भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने करीब 15-16 साल एक इंटरव्यू में कहा था, “जब मैं क्रिकेट नहीं खेल रहा होऊंगा तो चाहूंगा कि जो लोग मुझसे मिले हैं वो मुझे एक अच्छे इंसान के तौर पर याद रखें, एक अच्छे क्रिकेटर के तौर पर नहीं. मेरे लिए सबसे बड़ा कॉम्प्लिमेंट यही होगा कि लोग कहें कि वो अच्छा आदमी है जो क्रिकेट खेलता था.”
कोहली ने धोनी के इस भरोसे को एक तरह से साकार कर दिया है. लेकिन इससे यह भी ज़ाहिर होता कि आप भले शीर्ष पर हों, लेकिन प्रतिस्पर्धी दुनिया में नाकामी आपको अकेलेपन में धकेल देती है.
बहरहाल, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शानदार बल्लेबाज़ी के बाद कोहली ने ये भी बताया कि वे अपनी ओर से ईमानदारी से कोशिश करते हैं.
उन्होंने कहा, “देखिए मैं ईमानदारी से खेलता हूं. देनेवाला तो ऊपर वाला है. देने वाला नहीं चाहेगा तो आप कितनी भी कोशिश कर लो, कुछ नहीं होता. अपने हाथ में ईमानदारी से मेहनत करना है, वो मैं करता हूं.”
प्रेस कांफ्रेंस में ये कोहली का एक दूसरा ही अंदाज़ था, जो ईमानदारी, लोगों की फितरत और ऊपर वाले की बात कर रहे थे.
एक महीने के ब्रेक से क्या कुछ बदला है, इस पर कोहली ने कुछ ख़ास नहीं कहा लेकिन उन्होंने ये ज़रूर बताया कि जब उन्होंने टीम में वापसी की है तो टीम का माहौल बहुत अच्छा है, खिलाड़ियों में कॉमरेडरी का भाव और वे इन सबको इंज्वाए कर रहे हैं. उन्होंने बताया, “टीम का माहौल बहुत अच्छा है. हर किसी ने वापसी पर मेरा स्वागत किया है. मैं इसे इंज्वाए कर रहा हूं.”
-एजेंसी