लोकायुक्त पुलिस ने MUDA साइट आवंटन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम से पूछताछ की। लोकायुक्त के एक अधिकारी ने कहा कि पार्वती को बुलाकर दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ चली। एमयूडीए भूमि आवंटन मामले में आरोप है कि सिद्धरमैया की पत्नी को मैसूर के एक पॉश इलाके में भूखंड आवंटित किए गए, जिनकी कीमत उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक थी। इसे एमयूडीए ने अधिग्रहित किया था। एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे।
विवादास्पद योजना के तहत एमयूडीए ने आवासीय परिसर बनाने के लिए भूखंड छोड़ने वालों को उनसे ली गई अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की थी। आरोप है कि मैसूरु तालुका के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ भूमि पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था।
लोकायुक्त पुलिस ने एक विशेष अदालत के 25 सितंबर के आदेश पर 27 सितंबर को सिद्धरमैया, उनकी पत्नी, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू नाम के एक व्यक्ति और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार दिया
मल्लिकार्जुन स्वामी ने देवराजू से जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी। विशेष अदालत के आदेश से एक दिन पहले हाईकोर्ट ने सिद्धरमैया के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत की तरफ से दी गई मंजूरी को बरकरार रखा था।
पार्वती को 14 प्लॉट देने में अनियमितताएं
ईडी का आरोप है कि एमयूडीए (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) की ओर से पार्वती को 14 भूखंड आवंटित किए जाने में अनिमितताएं हुई थीं। इस मामले में ईडी ने सिद्धरमैया के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी, जो पुलिस प्राथमिकी के समान होती है। लोकायुक्त पुलिस इस मामले में मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू से पहले ही पूछताछ कर चुकी है।