कानपुर हिंसा के मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के खिलाफ NSA की कार्रवाई की गई है जबकि हिंसा के बड़े फाइनेंसर बिल्डर हाजी वसी, बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, डी-2 गैंग के सरगना सफीक और हिस्ट्रीशीटर अकील खिचड़ी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
बंदी और विरोध प्रदर्शन की आड़ में रची थी हिंसा की साजिश
कानपुर में 3 जून 2022 को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान हिंसा हुई थी। नई सड़क पर जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने चंद्रेश्वर हाता पर हमला बोल दिया था। पथराव, फायरिंग और हमले में एक दर्जन लोग घायल हुए थे। पुलिस अब तक मामले में 62 आरोपियों को जेल भेज चुकी है।
हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की विवेचना में सामने आया था कि एमएम जौहर फैंस एसोसिएशन का अध्यक्ष हयात जफर हाशमी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है।
उसी ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में हिंसा को अंजाम दिया था। डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया कि इसके चलते हयात जफर पर गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की गई है। हयात जफर की सेशन कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई थी। हाईकोर्ट में जमानत याचिका डालते ही एनएसए की कार्रवाई की गई है।
जफर की लोगों में दहशत, फैल सकती है अशांति
पुलिस ने एनएसए लगाने को लेकर कई अहम आधार दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक बताया है कि हयात जफर हाशमी ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया। इससे समुदायों में द्वेष की भावना फैली थी। समाज में उसको लेकर भय व्याप्त है। अगर वह जेल से छूटा तो अशांति फैल सकती है। बवाल हो सकता है। इसी आधार पर उसके खिलाफ एनएसए लगाया गया है।
मुख्तार बाबा और हाजी वसी समेत चार पर गैंगस्टर
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि बिल्डर हाजी वसी और मुख्तार बाबा ने हिंसा के लिए लाखों रुपए मुख्य आरोपी समेत अन्य को फाइनेंस किया था। हिंसा में पर्दे के पीछे रहकर दोनों कानपुर को हिंसा की आग में झोंकने के लिए साजिश रची थी। इसके साथ ही डी-2 गैंग का सफीक और हिस्ट्रीशीटर अकील की हिंसा में अहम भूमिका थी। इसके चलते इन चारों आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
-एजेंसी