आगरा न्यायालय के आदेश पर भी हाजिर नहीं हुई कंगना रनौत, 12 दिसंबर को आदेश की तिथि की नियत

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आगरा। किसानों की मानहानि और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान में दायर वाद में मंडी की भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत आज कोर्ट में पेश नहीं हुईं। न ही उनका कोई अधिवक्ता कोर्ट में हाजिर हुआ। कोर्ट ने कंगना रनौत के दिल्ली और मनाली के दोनों पते पर कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस की तामीलात को पर्याप्त मानते हुए पत्रावली में आदेश के लिए 12 दिसंबर 2024 की तिथि नियत की है।

उक्त मामले में कोर्ट ने विगत 13 नवंबर 2024 को कंगना रनौत को दिल्ली और मनाली के पते पर नोटिस भेज कर कहा था कि वह 28 नवंबर 2024 को व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होकर यह सुनिश्चित करें कि उन्हें अपना पक्ष रखना है या सुनवाई करानी है।

कोर्ट ने यह भी हिदायत दी थी कि अगर नियत तिथि 28 नवंबर 2024 को कंगना कोर्ट में उपस्थित नहीं होती हैं अथवा अपना पक्ष नहीं रखतीं हैं तो उक्त वाद में अग्रिम कार्रवाई कर दी जाएगी।

कंगना ना तो स्वयं कोर्ट में हाजिर हुईं और ना ही उनके अधिवक्ता हाजिर हुए। वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया, रामदत्त दिवाकर, बीएस फौजदार, चौधरी अजय सिंह, करतार सिंह भारतीय, राकेश नौहवार, राजेंद्र गुप्ता धीरज, अजय कुमार सागर सहित तमाम अधिवक्ताओं ने कहा कि कंगना ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। कंगना बार-बार अपमान करने की आदी हैं।

पहले महात्मा गांधी का अपमान किया और फिर किसानों का अपमान किया और अब कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना की है। अधिवक्ताओं ने दलील दी कि कंगना के खिलाफ संज्ञान लेकर उन्हें तलब करने के आदेश पारित किए जाएं। कोर्ट ने अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आदेश के लिए 12 दिसंबर 2024 की तिथि नियत कर दी।

वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि कंगना रनौत ने करोड़ों किसानों का अपमान अपमान किया है। किसानों को कंगना ने हत्यारा बलात्कारी अलगाववादी करार दिया है। साथ ही महात्मा गांधी और शहीदों के बलिदान का अपमान किया है। अब कंगना ने अदालत के आदेश का भी अपमान किया है।

श्री शर्मा ने दलील दी कि न्यायालय गवाह और सबूत के आधार पर अपना निर्णय कंगना के विरुद्ध पारित करे। वादी की ओर से दो अधिवक्ताओं ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। दूसरे कंगना के बयानों से संबंधित अखबारों के मूल कापी सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश की गई है। कोर्ट ने सभी की बहस सुनने के बाद 12 दिसंबर 2024 की तिथि आदेश के लिए नियत कर दी।


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