आगरा में सजी कला आचार्य प्रदर्शनी, विश्वविद्यालय ने की ई–गैलेरी प्लेटफॉर्म की घोषणा

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आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के ललित कला संस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को बाग फ़रज़ाना परिसर स्थित ललित कला संस्थान में कला आचार्य प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ हुआ। समारोह का उद्घाटन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और फीता काटकर किया। कार्यक्रम में दयालबाग विश्वविद्यालय के अवकाशप्राप्त विभागाध्यक्ष डॉ. अश्विनी शर्मा, प्रो. सरोज भार्गव, डॉ. साधना सिंह और डॉ. मीना कुमारी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

वरिष्ठ–युवा कलाकारों की कृतियों ने मोहा मन

प्रदर्शनी में शामिल वरिष्ठ और युवा कलाकारों की पेंटिंग्स व स्कल्पचर्स ने आगंतुकों को आकर्षित किया। कुलपति और अतिथियों ने कलाकारों की रचनात्मकता और रंग–संगति की सराहना की। पारुल जुरैल द्वारा निर्मित भगवान वेंकटेश्वर की पेंटिंग प्रदर्शनी का केंद्रबिंदु रही, जिसे दर्शकों ने विशेष पसंद किया।

विश्वविद्यालय शुरू करेगा ऑनलाइन ई–गैलेरी

कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. आशु रानी ने घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही ऑनलाइन ई–गैलेरी प्लेटफॉर्म शुरू करने जा रहा है, जिसके माध्यम से छात्र–शिक्षक अपनी कलाकृतियों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन और विक्रय कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह पहल कलाकारों को व्यापक मंच प्रदान करेगी और विश्वविद्यालय को कला जगत में नई पहचान देगी।

प्रतिष्ठित कलाकारों की रही मौजूदगी

प्रदर्शनी में प्रो. चित्रलेखा सिंह, डॉ. शिवेंद्र सिंह, डॉ. रेखा कक्कड़, प्रो. इंदु जोशी, प्रो. बिंदु अवस्थी, डॉ. विजय कुमार प्रजापति, डॉ. दिनेश मौर्य, अनिल सोनी, डॉ. रश्मि शर्मा, डॉ. नीलम कांत, डॉ. एकता श्रीवास्तव, डॉ. मोना मिश्रा, डॉ. रश्मि सक्सैना और डॉ. पंकज वर्मा सहित अनेक प्रतिष्ठित कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।

25 नवंबर तक नि:शुल्क खुलेगी प्रदर्शनी

ललित कला संस्थान के निदेशक प्रो. संजय चौधरी ने बताया कि प्रदर्शनी 25 नवंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक नि:शुल्क अवलोकनार्थ खुली रहेगी। इस अवसर पर प्रदर्शनी कैटलॉग का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में सृजनशीलता को प्रोत्साहित करते हैं और कला को समाज से जोड़ते हैं।

आयोजन में कई कला–प्रेमियों का योगदान

कार्यक्रम को सफल बनाने में संयोजक डॉ. मनोज कुमार, सह–संयोजक डॉ. शार्दूल मिश्रा, डॉ. अरविंद राजपूत, डॉ. देवाशीष गांगुली, डॉ. शीतल शर्मा, डॉ. ममता बंसल, देवेंद्र कुमार सिंह, दीपक कुलश्रेष्ठ, डॉ. गणेश कुशवाह, अकादमी सदस्य डॉ. आभा सिंह, संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री नंदनंदन गर्ग, ओमस्वरूप सहित कई कला–प्रेमियों ने योगदान दिया। कुसुम, नीरज और लक्ष्मी का भी विशेष सहयोग रहा।

आगरा के कला–दर्पण को मिला नया विस्तार

यह प्रदर्शनी आगरा को उभरते हुए कला–संस्कृति केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। कलाकारों और कला–प्रेमियों की बढ़ती भागीदारी शहर को राष्ट्रीय कला मानचित्र पर मजबूत स्थान दिला रही है।