रांची। झारखंड में कुछ षडयंत्रकारियों द्वारा संथाल परगना क्षेत्र के अलग-अलग मदरसों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को ठहराकर, अवैध रूप से उनका नाम मतदाता सूची और आधार कार्ड में चढ़वा कर और खुद को भारतीय बता कर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पूरे क्षेत्र की डेमोग्राफी को बदलने का काम किया जा रहा है.
इसको लेकर झारखंड सरकार की विशेष शाखा ने संथाल परगना समेत राज्य के सभी जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं. सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर, एएसपी और एसपी को पत्र के जरिए जानकारी दी गई है कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश की जानकारी मिली है.
संथाल परगना क्षेत्र में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण राज्य की आंतरिक व्यवस्था को बड़ा खतरा बताते हुए तत्काल ऐसे घुसपैठियों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा झारखंड के साहिबगंज जिले के बॉर्डर क्षेत्र में ऐसे 43 मदरसों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें हाल ही के दिनों में बनाया गया है. हालांकि अवैध रूप चल रहे इन 43 मदरसों की जांच कराने को लेकर भी जानकारियां झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष दायर की गई हैं.
गौरतलब है कि 17 मई को झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के रहने वाले युवक मोहम्मद दानियाल दानिश ने राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठ, लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका के जरिये बताया गया कि एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा झारखंड के सीमावर्ती जिलों में अवैध रूप से संचालित मदरसों को अपना ठिकाना बनाया जाता है. इन्हीं मदरसों के जरिये संथाल परगना क्षेत्र की आदिवासी भोली भाली युवतियों को अपने प्यार के जाल में फंसाया जाता है फिर उनका धर्मांतरण कर उनकी जमीन की अवैध रूप से खरीद बिक्री की जाती है. इसके साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट से ऐसी आदिवासी युवतियों को चुनाव लड़ा कर उन्हें चुनाव जितवा कर राजनीतिक लाभ लिया जा रहा है.
झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र में तेजी से अवैध रूप से आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाने का एक गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह के माध्यम से बांग्लादेशी घुसपैठियों का आधार कार्ड और राशन कार्ड, वोटर कार्ड तक बनाया जा रहा है. इसे लेकर भी झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है.
लगातार उठाया जा रहा है मिनी एनआरसी का मुद्दा
भाजपा विधायक दल के नेता और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी पिछले दिनों एक सभा के दौरान झारखंड के साहिबगंज पाकुड़ सहित संथाल परगना क्षेत्र में बढ़ते बांग्लादेशी घुसपैठ और एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत आदिवासी जनजाति युवतियों और महिलाओं के धर्मांतरण को रोकने के लिए मिनी एनआरसी लागू करने की बात कही थी. बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि जैसे ही हमारी सरकार झारखंड में बनेगी हम मिनी एनआरसी लागू करेंगे.
झारखंड के सीमावर्ती जिले खासकर संथाल परगना क्षेत्र अंतर्गत गोड्डा, पाकुड़ ,दुमका, राजमहल, साहिबगंज जिलों में बढ़ती अल्पसंख्यक आबादी खासकर बांग्लादेश घुसपैठ को लेकर न सिर्फ झारखंड में बल्कि इसे लेकर भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में भी आवाज उठाई थी. उन्होंने केंद्र सरकार से दखल कर तत्काल इन क्षेत्रों में बढ़ती घुसपैठ को रोकने के लिए एनआरसी लागू करने के साथ आदिवासी महिलाओं का तेजी से हो रहा धर्मांतरण, विरोध करने पर टुकड़ों में काटकर की जा रही आदिवासी महिलाओं की हत्या, ट्राइबल सीटों से चुनाव लड़वाकर राजनीतिक और आर्थिक लाभ पर चिंता व्यक्त की थी.
-एजेंसी