बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता नीरज कुमार ने फ्लोर टेस्ट में ‘खेला’ होने का दावा करने वालों को जवाब दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा, “कांग्रेस वालों को तो तेलंगाना पहुंचा दिया. तेलंगाना पहुंचाने की क्या जरूरत थी? पास में कांग्रेस शासित प्रदेश झारखंड है, वहां के महादेव से क्या मन नहीं भर रहा है? और श्रीशैलम लेकर चले गए. गांव-गांव, डगर-डगर घुमा रहे हैं इन लोगों (विधायकों) को. ये लोग क्षेत्र में अलोकप्रिय हो रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है. राजद को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है जबकि खेला होने का दावा किया है. कल वे फ़्लोर टेस्ट में असफल होंगे तो हम समझते हैं कि वैसे नेताओं को नैतिक आधार पर विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए.”
सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करना है.
28 जनवरी को उन्होंने राज्य में राजद के साथ महागठबंधन की सरकार का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी.
उस समय नीतीश सरकार में सहयोगी और डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘खेला’ होगा.
अब फ्लोर टेस्ट से पहले फिर एक बार आरजेडी के नेता कह रहे हैं कि विधानसभा में खेला होगा. उनका कहना है कि नीतीश कुमार, बीजेपी के साथ बहुमत साबित करने में सफल नहीं हो पाएंगे.
फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार में महागठबंधन में शामिल आरजेडी और वाम दलों के सभी विधायक शनिवार से ही तेजस्वी यादव के आवास पर हैं.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बीबीसी को बताया है कि आज कांग्रेस के विधायक भी इसमें शामिल होंगे और सभी तेजस्वी के आवास में ही रुकेंगे.
दावा यह किया गया है कि महागठबंधन की एकता के लिए सब एक साथ हैं और तेजस्वी आवास से ही सभी विधायक, फ़्लोर टेस्ट के दिन सोमवार को विधानसभा जाएंगे.
हालाँकि जनता दल यूनाइटेड का आरोप है कि महागठबंधन के विधायकों को तेजस्वी यादव के 5 देशरत्न मार्ग में नज़रबंद रखने का फ़ैसला किया गया है.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का दावा है, “कहावत है कि जो डर गया सो मर गया. इसका मतलब साफ़ है कि महागठबंधन का घटक दल पहली ही नज़र में हार गया है और फ़्लोर टेस्ट में एनडीए की जीत हो गई है.”
-एजेंसी
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