भारत में सेमीकंडक्टर चिप प्लांट लगाने को इजरायली कंपनी ने भेजा भारी भरकम प्रपोजल

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रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉवर भारत में 65 नैनोमीटर और 40 नैनोमीटर चिप्स का निर्माण करना चाहता है, जिसका यूज और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई सेक्टर में किया जा सकता है. अक्टूबर 2023 में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने चिप निर्माण क्षेत्र में भारत के साथ अपनी साझेदारी पर चर्चा करने के लिए टॉवर सेमीकंडक्टर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रसेल सी एलवांगर से मुलाकात की थी. यदि इजरायली चिप मेकर का प्रस्ताव सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह भारत की चिप मेकिंग योजना को बड़ा बढ़ावा होगा.

10 अरब डॉलर की चिप मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत, भारत सफल आवेदकों को 50 फीसदी कैपिटल एक्सपेंडिचर सब्सिडी देता है. इससे पहले, इजरायली चिप मेकर ने इंटरनेशनल कंसोर्टियम आईएसएमसी के साथ साझेदारी में कर्नाटक में 3 बिलियन डॉलर का चिपमेकिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आवेदन किया था. हालांकि, कंपनी के इंटेल के साथ मर्जर पेंडिंग होने की वजह से योजना को निलंबित कर दिया गया था.

सीजी पॉवर भी बना रहा जेवी

शुक्रवार को, सीजी पाॅवर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस ने कहा कि उसने भारत में 222 मिलियन डॉलर में सेमीकंडक्टर फैसिलिटी करने के लिए जापानी चिप निर्माता रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स और थाईलैंड के स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की एक यूनिट के साथ साझेदारी की है. भारतीय कंपनी एक आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग (OSAT) फैसिलिटी करने के लिए रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स अमेरिका और थाई इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स मेकर के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाएगी.

एक OSAT प्लांट असेंबल करने के साथ फाउंड्री-मेड सिलिकॉन वेफर्स की टेस्टिंग करता है और उन्हें तैयार सेमीकंडक्टर चिप्स और पैकेज में बदल देता है. ज्वाइंट वेंचर में, सीजी पाॅवर के पास बहुमत 92.34 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि रेनेसा और स्टार्स के पास क्रमशः 6.76 प्रतिशत और 0.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी. जबकि भारत में अभी तक कोई चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं है, ताइवान की फॉक्सकॉन और भारत की वेदांता देश में चिप्स बनाने की दौड़ में हैं.

– एजेंसी