मणिपुर के जिरिबाम जिले में तीन लोगों के शव मिलने के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। घटना के विरोध में लोग सड़क पर उतर आए और मणिपुर सरकार के दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों की घेराबंदी की। शुक्रवार को एक महिला और दो बच्चों के शव जिरी नदी में बहते मिले थे। इसके बाद से राज्य के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो अब हिंसक हो गया है।
मैतेई समुदाय के लोगों ने इंफाल में छह विधायकों के घर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने यहां पथराव और आगजनी की। इंफाल में टायर जलाकर सड़कों को ब्लॉक किया।
दरअसल, 11 नवंबर को वर्दी पहने हथियारबंद उग्रवादियों ने बोरोब्रेका थाना परिसर और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। इसमें 10 उग्रवादी मारे गए थे।
इस दौरान मणिपुर के जिरीबाम जिले के बोरोब्रेका थाना परिसर स्थित राहत शिविर से 6 लोगों को अगवा किया गया था। शुक्रवार को मिले तीन शव इन लापता हुए लोगों के बताए जा रहे हैं।
इस बीच शनिवार को इंफाल घाटी के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने इंफाल पश्चिम जिले के क्वाकेथेल इलाके और इंफाल पश्चिम जिले के सागोलबंद तेरा में मुख्य सड़कों को टायर जलाए और मार्ग अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। पुलिस ने बताया कि मणिपुर के मुख्य बाजार ख्वाइरामबंद में महिला विक्रेताओं ने हत्या के खिलाफ विरोध रैली निकाली।
बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग और इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग में स्थानीय लोग भी हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए।विरोध प्रदर्शन के चलते मणिपुर के पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। जबकि सात जिलों में शनिवार शाम से दो दिन के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया है।
दरअसल, मणिपुर में सोमवार को संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा तीन महिलाओं और तीन बच्चों को बंधक बनाया गया था, जिसके बाद जिरीबाम जिले में तनाव बढ़ गया। बंधक बनाए गए तीन बच्चों में एक नवजात और ढाई साल का बच्चा शामिल था। वहीं, तीन महिलाओं में से दो छोटे बच्चों की मां थीं। सभी महिलाएं मणिपुर के मैतेई समुदाय से हैं।
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