भारतीय नौ सेना के बेड़ा आज से और भी प्रबल और प्रतापी हो गया है। प्रोजेक्ट 17 ए के तहत तैयार किया गया युद्धपोत ‘विंध्यागिरि’ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में लांच किया। भारत में ही बना यह युद्धपोत अपनी श्रेणी का तीसरा युद्धपोत है। इसका नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। इसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने नौसेना के लिए तैयार किया है।
शिवालिक श्रेणी के यह युद्धपोत फोल आन युद्धपोत हैं। इस युद्धपोत में अब तक के सबसे बेहतर सेंसर, हथियार और उपकरण लगाए गए हैं। इसमें प्लेटफार्म का बेहतर प्रबंधन है। इससे पहले आईएनएस विंध्यागिरी ने 31 सालों तक सेवाएं दी थी और अब नई तकनीक में और भी विध्वसंक और ताकतवर बनकर समुंदर में उतरा है। यह युद्धपोत चीन और पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को मात दिन में पूरी तरह सक्षम है। अचूक निशाना, तेज और चपल चाल समुंदर में इस युद्धपोत को बेहद आक्रामक बना देती है।
ये है खास
17-A फ्रिगेट का छठा युद्धपोत है
150 मीटर लंबा और 37 मीटर ऊंचा युद्धपोत
52 किमी प्रति घंटा की गति
6670 टन भारत वाहन क्षमता
बराक-8 मिसाइल लॉन्च में सक्षम
ब्रह्मोस मिसाइल लॉन्च में सक्षम
एंटी सबमरीन वेपन सिस्टम से लैस
अत्याधुनिक रडार सिस्टम से लैस
प्रोजेक्ट 17 ए कार्यक्रम में आत्मनिर्भर भारत की झलक
रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर हो रहा है। 17 ए कार्यक्रम में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिडेट चार और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड तीन जहाज बना रहा है। इसके योजना के पहले पांच जहाज लांच किए जा चुके हैं। 17 अगस्त को छठवां लांच किया जा रहा है। इसके बाद एक और लांच किया जाएगा। सबसे खास बात यह है कि इन जहाजों में 75 फीसदी उपकरण लघु और मध्यम उद्यमों से लिए गए हैं।
Compiled: up18 News
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