श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने पर श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है. बयान में उच्चायोग ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि गोटाबाया राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर भेजने में भारत ने मदद की है.
उच्चायोग ने अपने बयान में श्रीलंका के लोगों का समर्थन करने की अपनी बात को फिर से दोहराया है.
भारी विरोध-प्रदर्शन के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया सैन्य जेट से देश छोड़कर भाग गए हैं.
बीबीसी का मानना है कि 73 साल के गोटाबाया राजपक्षे मालदीव की राजधानी माले में बुधवार को स्थानीय समय 03:00 बजे पहुँचे हैं.
गोटाबाया ने इससे पहले घोषणा की थी कि वो आज यानी 13 जुलाई को इस्तीफ़ा दे देंगे.
इससे पहले 10 जुलाई को उच्चायोग ने एक बयान जारी कर सोशल मीडिया पर चल रही उन खबरों का खंडन किया था जिसमें कहा जा रहा था कि भारत श्रीलंका में अपनी सेना भेज रहा है.
-एजेंसी