प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन (GMIS) के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने शिखर सम्मेलन में सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है और इस बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने कहा, ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट के तीसरे संस्करण में मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। इससे पहले जब हम 2021 में मिले थे, तब पूरी दुनिया कोरोना की अनिश्चितता से घिरी हुई थी। तब कोई नहीं जानता था कि कोरोना के बाद का विश्व कैसा होगा। लेकिन आज दुनिया में एक नया वर्ल्ड ऑर्डर आकार ले रहा है।’
पीएम मोदी ने गुजरात के दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण में 4500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले ‘टूना टेकरा ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट टर्मिनल’ की आधारशिला भी रखी। कार्यक्रम के दौरान समुद्री क्षेत्र में वैश्विक और राष्ट्रीय साझेदारी के लिए सात लाख करोड़ रुपये से अधिक के 300 से अधिक समझौता ज्ञापन को भी पेश किया।
उन्होंने कहा कि निवेशकों के पास देश के साथ साझेदारी करने और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) का हिस्सा बनने का अवसर है।
उन्होंने कहा, ‘इस बदलते हुए वर्ल्ड ऑर्डर में पूरा विश्व भारत की ओर नई आकांक्षाओं से देख रहा है। आर्थिक संकट से घिरी हुई दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की टॉप-3 आर्थिक शक्तियां में से एक होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि भारत की मैरीटाइम क्षमता मजबूत रही है। देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है। इसी सोच के साथ बीते नौ वर्षों से इस सेक्टर को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मैरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है। जी-20 समिट के दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है।
सैकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये दुनिया के कईं देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा
उन्होंने कहा कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला परियोजना से भी हमारे तटीय क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार सृजन और इज ऑफ लिविंग को कईं गुना बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है।’ पीएम ने कहा कि मैरीटाइम टूरिज्म को बढ़ाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी रिवर क्रूज सर्विस की शुरुआत भी की है। भारत अपने अलग अलग बंदरगाहों पर इससे जुड़े कईं प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है।
इससे पहले केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मुंबई में शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
सोनोवाल ने कहा कि वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का यह तीसरा संस्करण है। इससे पहले यह 2016 और 2021 में भी आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ने लगा है।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में एक अग्रणी समुद्री राष्ट्र बनने जा रहा है। पिछले साढ़े नौ वर्षों में बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय में जो प्रगति हासिल की गई है, वो पीएम मोदी के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका है।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने आगे कहा कि 50 से अधिक देश भाग लेने जा रहे हैं और उम्मीद है कि लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा उन्हें लगता है कि बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र में यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री विभिन्न चर्चाओं में इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इनके अलावा, विभिन्न देशों की प्रमुख समुद्री कंपनियों के सीईओ भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कुछ ही समय में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और इस दिशा को आगे बढ़ाने के लिए हमारा तीन दिवसीय वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन आज से मुंबई में शुरू हो रहा है।
Compiled: up18 News
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